उत्तराखण्ड के बद्रीनाथ धाम में VIP कल्चर के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की और वीआईपी कल्चर को खत्म करने की मांग की। विश्व प्रसिद्ध श्रीबद्रीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोचारण और सेना गढ़वाल स्काउट जोशीमठ के बैंड और जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से रविवार 12 मई को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर दस हजार से अधिक तीर्थ यात्री कपाट खुलने के साक्षी बने। बता दें आज गेट नंबर-3 पर स्थानीय लोगों के साथ पंडा-पुरोहित, हक-हकूकधारी और व्यापार सभा के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बामणी गांव की ओर जाने वाले पैदल रास्ते पर वीआईपी दर्शन के लिए कार्यालय बनाया गया है। जिसके चलते गांव की तरफ जाने वाला मार्ग बंद कर दिया गया है। गांव के लोगों को इस रास्ते से गुजरने नहीं दिया जा रहा है, आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। 
जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप 
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मंदिर समिति और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों ने कहा कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले प्रशासन ने तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया। जिसके चलते तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदर्शनकारियों की ये मांग
प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग है कि वीआईपी कल्चर को खत्म किया जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि पिछले साल किन-किन वीआईपी लोगों ने दर्शन किए, किस माध्यम से किए और इन लोगों को किसने वीआईपी बनाया, ये सभी जानकारी सार्वजनिक की जाए। बता दें, बद्रीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से पिछले साल वीआईपी कल्चर की शुरुआत की गई थी। इसके तहत 300 रुपये देकर लोग वीआईपी दर्शन कर सकते हैं। 
-Legend News

मिलती जुलती खबरें

Recent Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your Phone will not be published. Required fields are marked (*).