सरकार ने मई की शुरुआत में प्याज के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा गया था। बैन हटने के अब तक 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारत दुनिया में प्याज का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और फिर सुस्त उत्पादन के कारण कीमतों में वृद्धि के बाद मार्च में इसे बढ़ा दिया था। निर्यात पर बैन हटने के बाद प्याज पर प्रति टन पर 550 अमेरिकी डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। इस हिसाब से देखें तो भारत ने कुछ ही दिनों में करीब 2,06,08,63,200 रुपये का प्याज एक्सपोर्ट किया है। 
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने बताया कि प्रतिबंध हटने के बाद से 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। अधिकतर निर्यात पश्चिम एशिया और बांग्लादेश को किया गया। सरकार ने चुनाव के दौरान प्याज की कीमतें कम रखने के लिए चार मई को प्रतिबंध हटा दिया था। हालांकि, प्रति टन पर 550 अमेरिकी डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगाया गया था। खरे ने कहा कि इस साल अच्छे मॉनसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बेहतर बुवाई सुनिश्चित होगी। 
उत्पादन में गिरावट की आशंका
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों ने चालू वर्ष के लिए लक्षित 5,00,000 टन का भंडार (बफर स्टॉक) रखने के लिए हालिया रबी (सर्दियों) की फसल से प्याज की खरीद शुरू कर दी है। कृषि मंत्रालय के प्राथमिक अनुमान के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम उत्पादन के कारण फसल वर्ष 2023-24 में देश का प्याज उत्पादन सालाना आधार पर 16 प्रतिशत घटकर 2.54 करोड़ टन रहने की आशंका है।
-Legend News

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