उत्तर प्रदेश के बरेली में बंधक बनाकर आरएसएस (RSS) के एक नेता की पिटाई के मामले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की गई है. घटना के बाद आरएसएस नेता आर्येंद्र ने सुभाषनगर थाने में तहरीर दी थी. इस मामले में एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के निर्देश पर दो दरोगा समेत 6 अज्ञात पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इन पुलिसकर्मियों पर RSS नेता को बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप है. इससे पहले हंगामे और बवाल के बाद एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का कहना है कि एक युवक ने मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाया है.
घटना सुभाषनगर थाना क्षेत्र के बदायूं रोड की है. दरअसल, मथुरा में आरएसएस के जिला प्रचारक आर्येंद्र अपनी बीमार मां को देखने बरेली आए थे. आज शाम में वह अपनी मां को जिला अस्पताल से देखकर घर जा रहे थे. इस बीच उनके मोबाइल पर किसी का फोन आया. वह रास्ते में फोन पर बात कर रहे थे. आरएसएस नेता आर्येंद्र का आरोप है कि सुभाषनगर थाने में तैनात दरोगा ने उनके साथ अभद्रता की. विरोध करने पर आधा दर्जन पुलिस वालों को बुला लिया. उन्हें जबरन गाड़ी में डालकर एक खंडहर में ले गए. मारपीट करते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाकर एनकाउंटर करने की धमकी दी.
आरएसएस नेता आर्येंद्र का आरोप है कि तीन घंटे तक उन्हें अपराधी की तरह बंधक बनाकर यातनाएं दी गईं. आरएसएस नेता के साथ हुई बदसलूकी के बाद संघ के लोगों ने करगेना पुलिस चौकी पर हंगामा कर दिया. देर रात पुलिस अधिकारियों ने दरोगा को वहां से हटा दिया. पीड़ित आरएसएस नेता ने पिटाई के बाद दोषी पुलिसकर्मियों को अपराधी करार देते हुए कहा कि उन्हें नौकरी में रहने का कोई हक नहीं है, उन्हें सरकार बर्खास्त कर दे.
Compiled: Legend News

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