उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी मेनका गांधी के समर्थन में उनके बेटे वरुण गांधी गुरुवार को उतरे। पहली बार वे चुनावी मैदान में उतरे हैं। लोकसभा चुनाव के मैदान से अब तक वरुण गांधी बाहर रहे हैं। पीलीभीत लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंचे वरुण गांधी ने अपनी मां के लिए वोट मांगा। उन्होंने सुल्तानपुर की जनता से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि मैं यहां सुल्तानपुर की मां के लिए आया हूं। इस चुनावी सभा के दौरान वरुण गांधी ने एक बार भी पीएम मोदी या सीएम योगी का जिक्र नहीं किया। उनका पूरा फोकस सुल्तानपुर, मां और मेनका तक सिमटा रहा। 
वरुण गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि यह देश का एकलौता ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां पर लोग सांसद को सांसद न कहकर माता जी कहते हैं। मां जो होती है, वह परमात्मा के बराबर एक शक्ति होती है। पूरी दुनिया साथ छोड़ दे, लेकिन मां कभी साथ नहीं छोड़ती। मैं यहां पर अपनी मां के लिए नहीं, बल्कि सुल्तानपुर की मां के लिए आया हूं। लोकसभा सीट का कोई भी वोटर उन्हें मां के नाम से ही जानता है। 
अमेठी, रायबरेली का किया जिक्र
वरुण गांधी ने अपने संबोधन के दौरान अमेठी और रायबरेली का जिक्र किया। सुल्तानपुर से वहां की तुलना की। वरुण ने कहा कि कहा कि देश में कई वीआईपी और वीवीआईपी उम्मीदवार चुनावी मैदान में है, लेकिन सुल्तानपुर से एक मां चुनावी मैदान में है। मेनका गांधी के डांटने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मां जब डांटती है, वह भी एक आशीर्वाद होता है। एक मां को एक बार फिर यहां के लोग संसद तक भेजने में जुटे हुए हैं। 
2014 में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवारी की चर्चा करते हुए वरुण ने कहा कि 10 साल पहले जब हम यहां चुनाव लड़ने आए थे, उस समय सुल्तानपुर के लोगों ने हमसे अपेक्षा की थी। हमसे कहा कि अमेठी में जो रौनक है, जो रायबरेली में रौनक है, हम चाहते हैं कि सुल्तानपुर में भी ऐसी ही रौनक आए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज मेरे लिए बड़े हर्ष की बात है कि देश के सुल्तानपुर का जब नाम लिया जाता है तो वह देश की पहली पंक्ति के शहरों में लिया जाता है।
-Legend News

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