पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाईकोर्ट ने ओबीसी सर्टिफिकेट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने बंगाल में 2010 के बाद बनी ओबीसी सूची को रद्द कर दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि अब कोई भी नए प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएंगे, हालांकि कोर्ट ने यह साफ किया है कि इस सूची के आधार पर जिन लोगों को नौकरी मिली है। उनके ऊपर इसका असर नहीं है। मतलब उनकी नौकरी बरकरार रहेगी। न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथर की खंडपीठ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। 
13 साल के प्रमाण पत्र हुए रद्द
खंडपीठ ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2011 से 2024 तक राज्य द्वारा जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द किए जाते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य में नए सिरे से सियासत गरमा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि 2010 के बाद की सभी ओबीसी आरक्षण सूचियां रद्द कर दी गई हैं। 2010 से पहले पंजीकृत ओबीसी की सूची रखी गई है। इस फैसले से राज्य की ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है। 
नए सिरे से बनेगी ओबीसी सूची
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब पश्चिम बंगाल में नई ओबीसी आरक्षण सूची 1993 अधिनियम के अनुसार तैयार होने के बाद राज्य में लागू की जाएगी। कोर्ट की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि जिन लोगों को ओबीसी आरक्षण सूची में पहले ही नौकरी मिल चुकी है, उनमें से किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी। जो लोग भर्ती प्रक्रिया में हैं उन्हें भी नौकरी मिलेगी।
-Legend News

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