नई द‍िल्ली। गीतांजलि श्री के अन्तर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास ‘रेत-समाधि’ पर आधारित ‘दास्तान-ए-रेत-समाधि’ 8 जून, 2024 को इंडिया हैबिटेट सेंटर में पेश की जाएगी। उपन्यास का दास्तान में रूपान्तरण मशहूर दास्तानगो महमूद फ़ारूक़ी ने किया है। राजकमल प्रकाशन और दास्तानगोई कलेक्टिव के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में महमूद फ़ारूक़ी और पूनम गिरधानी दास्तान प्रस्तुत करेंगे। यह जानकारी राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने बुधवार को दी।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘रेत-समाधि’ हिन्दी साहित्य की पहली कृति है जिसने अन्तर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार हासिल कर हम सभी हिन्दीप्रेमियों को गौरवान्वित किया है। अपनी अनूठी शैली और गहन कथानक के कारण इस उपन्यास ने साहित्य-जगत में विशेष स्थान प्राप्त किया है। इससे हिन्दी साहित्य को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है।”

उन्होंने कहा, “रेत-समाधि को अन्तर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलने के दो वर्ष पूरे होने पर हम एक विशेष ‘कृति उत्सव’ का आयोजन कर रहे हैं। इसमें दास्तानगोई की कला में महारत रखने वाले मशहूर दास्तानगो महमूद फ़ारूक़ी इस उपन्यास की गहराइयों और संवेदनाओं को अपनी विशिष्ट शैली में प्रस्तुत करेंगे। दास्तानगोई एक प्राचीन भारतीय कला है जिसमें कहानी को आकर्षक अंदाज में सुनाया जाता है। महमूद फ़ारूक़ी ने इस कला को पुनर्जीवित कर इसे नए आयाम दिए हैं। यह आयोजन ‘रेत-समाधि’ उपन्यास को पसन्द करने वाले सभी पाठकों के लिए एक यादगार क्षण होगा।  
 

कार्यक्रम विवरण :

तिथि : 8 जून 2024 (शनिवार)

समय : शाम 07:00 बजे

स्थान : स्टेन सभागार, इंडिया हैबिटैट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली

- Legend News

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