मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( ASI) की टीम के 10 अधिकारी शुक्रवार यानी 78वें दिन सुबह 6 बजे 30 मजदूरों के साथ भोजशाला परिसर में पहुंची। 
बता दें कि आज शुकवार है और कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सर्वे टीम दोपहर 12 बजे तक कार्य पूरा कर बाहर आ गई। इसके बाद मुस्लिम समुदाय ने भोजशाला परिसर स्थित कमाल मौला मस्जिद में दोपहर 1 बजे से 3:00 बजे के बीच जुमे की नमाज अदा की। 
याद हो कि इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक शुक्रवार को मुस्लिम पक्षकारों के हिसाब से परिसर में स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई है जबकि मंगलवार को हिंदुओं के हिसाब से परिसर में स्थित भोजशाला मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी गई है। उसी के तहत आज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 2 घंटों के लिए यहां जुमा की नमाज पढ़ी। सर्वे के दौरान पुलिस के त्रिस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट मोबाइल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहा। हिंदू, मुस्लिम याचिकाकर्ता की मौजूदगी में ये सर्वे लगातार चल रहा है। 
हिदू पक्ष का दावा
इधर, मुस्लिम समुदाय द्वारा जुमे की नमाज अदा करने से एक दिन पहले यानी गुरुवार को सर्वे कार्य पूरा कर लौटी सर्वे टीम के साथ मौजूद हिंदू पक्षकार और भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने परिसर से बाहर आकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि उत्तर पश्चिम हिस्से की खुदाई के दौरान एक साथ 11 अवशेष निकले हैं। इनमें 6 बड़े और 5 छोटे अवशेष हैं। जिन्हें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने लेब परीक्षक के लिए संरक्षित कर लिया है। गोपाल शर्मा ने इन पिलर बेस खंबो के अवशेष पर बनी आकृतियों और कलाकृतियों को सनातनी होने का दावा किया है। 
मुस्लिम पक्ष ने किया खंडन
वही मुस्लिम याचिकाकर्ता के अनुसार उत्तर, पश्चिम क्षेत्र में मिट्टी हटाने का काम किया गया। दक्षिण क्षेत्र में क्लीनिंग का काम चला है। स्मारक के अंदर की तरफ की क्लीनिंग और ब्रशिंग की गई। साथ ही ड्राइंग बनाने का काम हुआ, जिसमें कोई विशेष अवशेष नहीं मिले। 
-Legend News

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