रिपोर्ट : LegendNews
आंध्र प्रदेश: चर्चा में है पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी का रुशिकोंडा हिल पैलेस
आंध्र प्रदेश की राजनीति में इन दिनों रुशिकोंडा हिल पैलेस काफी चर्चा में है। राज्य की सत्ता पर काबिज हुई तेलुगु देशम पार्टीने पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। टीडीपी का कहना है कि जगन ने विशाखापत्तनम में 500 करोड़ रुपये खर्च कर रुशिकोंडा हिल पर आलीशान महल बनवाया है।
गुरुवार को रुशिकोंडा हिल पर बने आलीशान महल का ड्रोन से बनाया गया वीडियो जारी किया गया। दरअसल, बीते दिनों रुशिकोंडा हिल पैलेस की तस्वीरें सामने आईं तो राज्य में राजनीतिक विवाद बढ़ गया। पैलेस में लग्जरी व्यवस्थाओं की हर तरफ चर्चा हो रही है। इस मामले में पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी घिरते नजर आ रहे हैं।
40 लाख का बाथटब
टीडीपी ने दावा किया कि संपत्ति पर लगाए गए बाथटब की कीमत 40 लाख रुपये है। आरोप लगाया, 'पत्नी की इच्छा के लिए, 500 करोड़ रुपये का महल, बनवाया गया। इसमें उत्तर-पूर्व में समुद्र तट का नजारा दिखता है। अकेले बाथटब की कीमत 40 लाख रुपये है। फिर से उन्होंने गरीबों और भिखारियों का मजाक उड़ाया और गरीबों को उनके घरों से वंचित किया।'
पत्नी की डिमांड पर बना महल
टीडीपी ने लिखा, 'जब उनकी पत्नी ने उनसे बीच व्यू पैलेस खरीदने के लिए कहा, तो उन्होंने सभी नियम तोड़ दिए, जनता के सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए और अब आकर कहानियां सुना रहे हैं? लेकिन उस बाथरूम की तस्वीरें क्या हैं, क्या यह इतना बड़ा है? आपने वास्तव में क्या योजना बनाई थी? आपने किसके लिए स्केच बनाया?'
इतालवी संगमरमर लगाई गईं
टीडीपी ने तस्वीरें साझा करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, 'रुशिकोंडा पैलेस में इस्तेमाल किए गए इतालवी संगमरमर और टाइलें मन को मोह लेने वाली हैं। इन इतालवी संगमरमर की प्रति फुट लागत के लिए, एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति एक छोटे आकार के अपार्टमेंट का खर्च उठा सकता है। यह जगन रेड्डी के रुशिकोंडा में बनाया गया बीच व्यू पैलेस है, जिसमें राज्य प्रमुखों के बनाए गए शाही प्रसाद के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है।'
YSRPC का दावा, निजी संपत्ति नहीं
वाईएसआरसीपी ने कहा कि रुशिकोंडा में जो इमारतें हैं, वे सरकारी इमारतें हैं। वे निजी संपत्ति नहीं हैं। वे किसी के भी नहीं हैं। इन इमारतों का निर्माण पिछली सरकार ने विशाखापत्तनम को दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए किया। यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह उनका कैसे उपयोग करती है। 1995 से ही चंद्रबाबू यह दावा करते आ रहे हैं कि विशाखापत्तनम वित्तीय राजधानी है। वे अब तक चार बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। यह समझिए कि भले ही कोई प्रधानमंत्री विशाखापत्तनम आए, कोई राष्ट्रपति आए, कोई मुख्यमंत्री जाए, या राज्यपाल जैसे लोग जाएं, उन्हें ठहराने के लिए कोई उचित इमारत नहीं है। रुशिकोंडा रिसॉर्ट्स की इमारतों के अंदर जाकर तस्वीरें लेना और कड़वी बातें दिखाना आपको भावनात्मक संतुष्टि दे सकता है, लेकिन विशाखापत्तनम के लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं।
टीडीपी नेता ने परियोजना को लेकर चिंता जताई
बता दें कि रुशिकोंडा पैलेस विवाद तब शुरू हुआ जब भीमिली के विधायक गंटा श्रीनिवास राव ने पिछली वाईएसआरसी सरकार द्वारा रुशिकोंडा हिल के ऊपर बनाई गए महलों का दौरा किया। महलों को 'राजा महल' बताते हुए टीडीपी नेता ने परियोजना को लेकर चिंता जताई।
-Legend News
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