श्री कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ के बाद नारायण भट्ट ने की ब्रज की पुनर्स्थापना

बरसाना। मंगलवार को देर शाम ऊंचागांव में ब्रजाचार्य पीठ स्थित भट्ट जी की समाधि पर नरसिंह चतुर्दशी पर ब्रजजोद्धारक, रासलीलानुकरण के आविष्कारक, ब्रजयात्रा प्रवर्तक, राधा रानी के प्राकट्यकर्ता ब्रजाचार्य महाप्रभु श्रील नारायण भट्ट जी की जयंती विधिविधान पूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

इस अवसर पर परम्परानुसार भट्ट जी की समाधि को फूलों से सजाया गया। भट्ट जी के वंशज ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानंद भट्ट और ब्रजाचार्य गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट द्वारा विधि विधान पूर्वक महाआरती की गई।

महाआरती के बाद भजन कीर्तन हुआ। इस मौके पर नारायण भट्ट के ब्रजोद्धार के भागीरथी प्रयास की चर्चा करते हुए ललितापीठाधीश्वर कृष्णानंद भट्ट ने कहा कि श्री कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ के बाद महाप्रभु श्रील नारायण भट्ट जी ने विलुप्त हो चुके ब्रज की पुनर्स्थापना कर राधाकृष्ण भक्ति की गंगा प्रवाहित करने का जो काम किया उसका समस्त ब्रज और ब्रजवासी ऋणी हैं। इसकी पुष्टि मथुरा के अंग्रेज कलेक्टर रहे एफएस ग्राउस ने शोध ग्रन्थ डिस्ट्रिक्ट मेमोयर ऑफ मथुरा में की है। 
ग्राउस के अलावा भक्तमाल सहित ब्रज के अन्य ग्रन्थों में उल्लेख मिलता है। 
ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट ने कहा कि नारायण भट्ट जी ने ब्रज की पुनर्स्थापना कर जहां एक ओर कृष्णकालीन परम्पराओं को संरक्षित करने का काम किया वहीं दूसरी ओर लोककल्याण के रुप में लाखों ब्रजवासियों की जीविकोपार्जन का साधन बना हुआ है।
कार्यक्रम के अंत में ठंडाई और फलों का प्रसाद वितरित किया गया।

इस मौके पर विशेष रुप से गोपाल सखी बाबा, राधा रानी रसोई के संचालक हरीश चंद्र कोहली, पूर्व जज मूलचंद शर्मा, चेयरमैन प्रतिनिधि पदम फौजी, गोविंद मुनीम, दिलीप भट्ट, रोहित भट्ट, ललित भट्ट, राजाराम पंडित सर्वेश भट्ट, दिनेश भट्ट, ठाकुर प्रसाद, मितुल भट्ट सहित अष्टसखी गांवों  के ब्रजवासी, अनुयायी शिष्य परिकर, साधु संत उपस्थित  रहे।

- Legend News
 

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