मथुरा। अपने ओरल स्वास्थ्य की देखभाल करना हम सभी का दायित्व है। यदि हमारा मुंह स्वस्थ होगा तभी शरीर भी निरोगी रहेगा। स्वस्थ मुंह खाए गए भोजन को आपके शरीर में सही तरीके से पहुंचाता है। जो भोजन आप खाते हैं वह आपके अंग और प्रतिरक्षा प्रणाली के इष्टतम कार्य के लिए ऊर्जा और संसाधन प्रदान करता है लिहाजा हमें अपने मौखिक स्वास्थ्य की कभी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। यह बातें के. डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित विश्व ऑर्थोडॉन्टिक स्वास्थ्य दिवस पर प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने छात्र-छात्राओं तथा उपस्थित मरीजों को बताईं।

के. डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में बुधवार को ऑर्थोडॉन्टिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर दंत चिकित्सा विशेषज्ञों ने जटिल दंत प्रक्रियाओं के प्रबंधन पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों ने गलत संरेखित दांतों को ठीक करने के लिए क्लियर एलाइनर, लिंगुअल ब्रेसिज़, सिरेमिक ब्रेसिज़ और सेल्फ-लिगेटिंग ब्रेसिज़ जैसी उन्नत उपचार तकनीकों को समझाया।

चिकित्सकों ने कटे होंठ और कटे तालु की स्थिति के लिए विशेष देखभाल के साथ-साथ सर्जिकल और गैर-सर्जिकल दोनों तरीकों के माध्यम से कंकाल संबंधी अनियमितताओं वाले रोगियों की जानकारी दी। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ऑर्थोडॉन्टिक रूप से उपचारित मामलों की प्रस्तुति थी, जिसमें ऑर्थोडॉन्टिक देखभाल में विभाग की विशेषज्ञता और प्रगति का प्रदर्शन किया गया। विश्व ऑर्थोडॉन्टिक स्वास्थ्य दिवस पर न केवल दंत समस्याओं पर चर्चा हुई बल्कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में के. डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला गया।

प्राचार्य डॉ. लाहौरी ने बताया कि हमारे दंत चिकित्सक हर आयु वर्ग के लोगों का पूरी शिद्दत से उपचार करने में सिद्धहस्त हैं। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के ऑर्थोडॉन्टिस्ट बच्चों और वयस्कों की देखभाल करने के साथ ही इनविज़लाइन और इनविज़लाइन टीन सेवाओं के प्रमुख प्रदाता होने पर गर्व करते हैं। हमारे पास सभी रोगियों का करुणा और वैयक्तिकता के साथ इलाज करने की क्षमता है, जिनमें विशेष आवश्यकता वाले मरीज भी शामिल हैं क्योंकि हमारे पास उन बच्चों के लिए भी उपचार कक्ष उपलब्ध हैं जिन्हें अतिरिक्त गोपनीयता और अनुकूलित देखभाल विकल्पों की आवश्यकता होती है।

कार्यक्रम के दौरान प्रो. (डॉ.) अतुल कुमार सिंह (एचओडी ऑफ ऑर्थोडॉन्टिक्स) ने बताया कि टेढे़ मेढ़े, अनियमित दांत व जबड़े का मुख्य कारण अनुवांशिकी होता है। इसके साथ ही मुंह के श्वांस लेने, कुपोषण, जीभ की बनावट, गलत ढंग से भोजन करना भी इसकी वजह हो सकती है। अंत में डॉ. लाहौरी द्वारा प्रो. (डॉ.) ओंकार सिंह यादव, प्रो. (डॉ.) अतुल कुमार सिंह और प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापरिया को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नए संकाय सदस्य (रीडर) के रूप में प्रो. (डॉ.) अंकित चौधरी का परिचय प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने दिया। कार्यक्रम में सभी विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य, छात्र-छात्राएं, मरीज और अटेंडर उपस्थित रहे।
- Legend News

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