लोकसभा चुनाव में शेष दो चरण की वोटिंग के साथ ही नतीजों की तारीख भी करीब आ रही है। ऐसे में राजनेता से लेकर राजनीतिक विश्लेषक बीजेपी, कांग्रेस समेत अन्य दलों के सीट जीतने के आंकड़ों को लेकर चर्चा और आकलन में जुट गए हैं। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजेपी के अपने दम पर 370 सीट जीतने के पीछे की वजह को बताया। विदेश मंत्री ने कहा कि पार्टी की तरफ से खुद के दम पर 370 सीट का आंकड़ा कोई रैंडम नहीं आया। 
पीएम यूं ही किसी संख्या का जिक्र नहीं करते
बीजेपी के 370 सीट जीतने की बात को नारा कहे जाने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी ने यूं ही किसी नंबर का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि इस पर कुछ विचार किया गया है। इससे साफ है कि हम कई राज्यों में अपनी स्थिति बरकरार रखने में सफल रहेंगे। इसके अलावा कुछ राज्यों, जैसे बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में हम अपनी सीटें बढ़ाएंगे। विदेश मंत्री ने यह बात एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही। बीजेपी के इस दावे पर कि वह केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अच्छा प्रदर्शन करेगी, विदेश मंत्री ने कहा कि भाजपा एक 'पेशेवर, गंभीर' पार्टी है और अनुमान पर भरोसा नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हम बूथ स्तर पर विश्लेषण करते हैं और ऊपर की ओर बढ़ते हैं। विदेश मंत्री ने कहा, जब हम कहते हैं कि हमें इस राज्य में इतनी सीटें मिलेंगी, तो इस पर बहुत विचार किया गया है। 
बीजेपी को कितनी सीट?
यह पूछे जाने पर कि अगर उन्हें आगामी चुनावों में भाजपा को मिलने वाली सीटों पर दांव लगाना हो तो वह कौन सी संख्या चुनेंगे। इस सवाल के जवाब में डॉ. जयशंकर ने कहा कि वह सटीक संख्या चुनावी एक्सपर्ट्स पर छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे कई राज्यों में सत्ता समर्थक लहर महसूस हो रही है। जयशंकर ने कहा कि हमारे पक्ष में बहुत सकारात्मक है। मुझे लगता है कि हमारा वोट शेयर 2019 की तुलना में पांच प्रतिशत अंक बढ़ सकता है, यह उससे भी अधिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे अनुभव के आधार पर, मुझे लगता है कि हमारी संख्या नीचे नहीं जाएगी बल्कि बढ़ेगी। 
जम्मू कश्मीर के 370 से संबंध?
कई लोगों ने बीजेपी के 370+ लक्ष्य को नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से जोड़ा है। लोगों का कहना है कि 370 सीट जीतकर पार्टी अपने नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को समर्पित करना चाहता है। अगस्त 2019 में, मोदी सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के कुछ महीनों बाद, जम्मू-कश्मीर को 'विशेष दर्जा' देने वाले कानून को रद्द कर दिया गया था। केंद्र ने तत्कालीन राज्य को दो मौजूदा केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। बीजेपी ने इस पार अपने दम पर 370 और एनडीए के साथ मिलकर 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।
-Legend News

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