राजनयिक से नेता बने एस जयशंकर ने मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाला। 69 वर्षीय जयशंकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पिछली सरकार में संभाले गए मंत्रालयों की ही जिम्मेदारी दी गई है। राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण सहित कई वरिष्ठ नेताओं को फिर से वही मंत्रालय सौंपा गया है, जो पिछली सरकार में उनके पास था। 
चीन और पाकिस्तान को लेकर साफ है भारत का रुख 
चीन और पाकिस्तान को लेकर भी अगले पांच साल के रिश्तों पर विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा, "किसी देश में खासतौर पर किसी लोकतंत्र में यह बहुत बड़ी बात होती है जब लगातार तीन बार किसी सरकार को चुना जाता है। इस वजह से दुनिया को जरूर महसूस होगा कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है।" उन्होंने आगे कहा कि "जहां तक चीन और पाकिस्तान की बात है तो इन देशों के साथ भारत के रिश्ते थोड़े अलग हैं। इस वजह से समस्याएं भी अलग हैं। चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजना चाहेंगे।" 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘आज दुनिया में बहुत उथल-पुथल है, दुनिया खेमों में बंट गई है और तनाव और संघर्ष भी बढ़ रहे हैं। ऐसे वक्त में भारत की पहचान एक ऐसे देश की है, जिस पर विश्वास किया जा सकता है, जिसकी एक प्रतिष्ठा और प्रभाव है।’ 
विदेश मंत्री ने कहा ‘मेरे लिए यह बेहद सम्मान की बात है कि मुझे एक बार फिर से विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने का मौका दिया गया है। पिछले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमने जी20 की सफल अध्यक्षता की। कोरोना की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया। वैक्सीन मैत्री के तहत वैक्सीन की सप्लाई भी की गई। साथ ही कई अहम ऑपरेशन जैसे ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी चलाए गए। बीते दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय जन-आधारित हो गया है। आप देख सकते हैं कि हमारी पासपोर्ट सेवाएं बेहतर हुई हैं। साथ ही हमने समुदाय के कल्याण और विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए काम किया है।’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने की मांग 
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है। जब इसे लेकर विदेश मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेश नीति काफी सफल रहेगी। हमारे लिए भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। दुनिया के देशों को लगता है कि भारत उनका दोस्त है और मुश्किल के समय में वे हमारी तरफ देखते हैं। वैश्विक दक्षिण में अगर कोई देश उनके लिए खड़ा होता है तो वो भारत ही है। जी20 की अध्यक्षता के दौरान हमने अफ्रीकन यूनियन को जी20 की सदस्यता दिलाई। जैसे-जैसे दुनिया का हम पर विश्वास बढ़ रहा है, वैसे ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ रही है। हमें लगता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की पहचान निश्चित तौर पर बढ़ेगी।’
पीएम मोदी को धन्यवाद 
जयशंकर ने 'एक्स' पर लिखा- ''विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। मुझे यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।'' विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 2019 से कार्यभार संभालने वाले जयशंकर ने वैश्विक मंच पर कई जटिल मुद्दों को लेकर भारत के रुख को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की अपनी क्षमता का आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन किया है। जयशंकर ने रूस-यूक्रेन जंग, भारत की G20 अध्यक्षता, रूस से तेल की खरीद समेत कई मामलों पर भारत के हितों को प्राथमिकता दी है। 
वर्तमान में जयशंकर गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं। जयशंकर ने (2015-18) तक भारत के विदेश सचिव, अमेरिका में राजदूत (2013-15), चीन में (2009-2013) और चेक गणराज्य में राजदूत (2000-2004) के रूप में कार्य किया है। वह सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त (2007-2009) भी रहे। जयशंकर ने मॉस्को, कोलंबो, बुडापेस्ट और टोक्यो के दूतावासों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय में अन्य राजनयिक पदों पर भी काम किया है।
-Legend News

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