4 जून को जब लोकसभा चुनावों के परिणाम आएंगे तो क्या होगा? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। विश्लेषक इसका जवाब दे भी रहे हैं। यह अलग बात है कि जब तक रिजल्ट नहीं आ जाए, तब तक अनुमान और अटकलें ही लगाई जा सकती हैं। इस दौर में चुनावी विश्लेषक प्रशांत किशोर को भी लोग गौर से सुन रहे हैं। यही वजह है कि उनकी हर मीडिया संस्थानों में डिमांड है। प्रशांत किशोर बड़े-बड़े पत्रकारों को इंटरव्यू दे रहे हैं। ऐसे ही एक इंटरव्यू के दौरान द वायर के पत्रकार करन थापर के साथ उनकी बहस अलग मोड़ ले लेती है। दोनों के बीच हुई नोंक-झोंक का वीडियो क्लिप अब सोशल मीडिया पर वायरल है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग वीडियो के साथ अपनी राय भी साझा कर रहे हैं। कुछ लोग जहां करन थापर की प्रशंसा कर रहे हैं तो कोई प्रशांत किशोर की पीठ थपथपाने में जुटे हैं। 
करन थापर की एक टिप्पणी और बिफर पड़े प्रशांत किशोर
दरअसल, करन थापर एक सवाल करते हैं और प्रशांत किशोर जैसे ही जवाब देना शुरू करते हैं करन बीच में ही एक टिप्पणी कर देते हैं। इसी पर प्रशांत किशोर उनसे सबूत मांगने लगते हैं। प्रशांत जब कहते हैं कि उनकी समझ से इस बार के चुनाव में बीजेपी की कुल सीटों की संख्या घटती नहीं दिखती है। वो कहते हैं कि देश का उत्तर-पश्चिमी हिस्से के प्रदेश बीजेपी के गढ़ हैं, वहां पार्टी को कोई बड़ा नुकसान होता नहीं दिख रहा है। और जो थोड़ा-बहुत नुकसान होगा, उसकी भरपाई दक्षिण-पूर्वी राज्यों से हो जाएगी। इस पर करन पूछते हैं कि यह अनुमान लगाते हुए वो (प्रशांत) कितने आश्वस्त हैं। प्रशांत कहते हैं- बहुत ज्यादा। मैं जितना हुआ करता हूं। इस पर करन थापर उनसे कहते हैं कि वो यह सवाल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि प्रशांत किशोर ने ऐसी ही एक अनुमान हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के वक्त लगाया था और कहा था कि कांग्रेस पार्टी वहां जड़ से उखड़ जाएगी। हालांकि नतीजे आए तो हिमाचल में कांग्रेस पार्टी की सरकार बन गई। 
वीडियो दिखाने की मांग पर लंबी चली बहस
करन की इस टिप्पणी पर प्रशांत किशोर ने पूछा कि क्या ये उन्होंने कभी कहा? अगर कहा तो उन्हें वह वीडियो दिखाया जाए। करन कहते हैं कि मई 2022 में आपने हिमाचल में कांग्रेस के खात्मे का अनुमान लगाया था। इस प्रशांत उनसे इस बयान का वीडियो दिखाने की मांग करते हैं और इस पर अड़ जाते हैं। वो कहते हैं कि अगर आप मुझे यह वीडियो दिखा दें तो मैं इस पेशे से निकल जाऊंगा और अगर आप गलत हैं तो तुरंत माफी मांगिए। इस पर दोनों के बीच लंबी नोंक-झोंक होती है। एक वक्त पर प्रशांत किशोर यहां तक कहते हैं कि करन, आप मुझे डरा-धमका नहीं सकते। फिर आप ही क्या, कोई भी पत्रकार या कोई और व्यक्ति मुझे नहीं डरा सकता है। उन्होंने कहा कि करन, आपको लगता है कि इंटरव्यू में कड़े सवाल से असहज करके लोगों को भागने पर मजबूर करना आपकी यूएसपी है, लेकिन मैं आप जैसे चार लोगों से अकेले निपट सकता हूं। इस तरह, थोड़ी देर तक चली गरमा-गरम बहस के बात इंटरव्यू आगे बढ़ता है और फिर से सवाल-जवाब का सिलसिला चल पड़ता है। 
4 जून तक यूं चलता रहेगा अटकलों का दौर
चुनावों को लेकर भविष्यवाणी के इस दौर में विश्लेषकों के बीच भी खेमेबंदी दिख रही है। एक वर्ग ऐसा है जो बीजेपी को अकेले दम पर बहुमत भी हासिल नहीं होने की भविष्यवाणी कर रहा है तो प्रशांत किशोर कहते हैं कि बीजेपी इस बार भी 2019 के बराबर ही सीटें लाएगी या थोड़ा ज्यादा भी। विभिन्न सर्वे हाउस, मीडिया हाउस और स्वतंत्र पत्रकार जमीन पर जाकर सर्वे कर रहे हैं। 1 जून को जब सातवें चरण का मतदान खत्म होगा तो शाम में सर्वे के परिणाम दिखाए जाएंगे और 4 जून तक उन्हीं सर्वे रिपोर्ट्स पर चर्चा होगी। तब तक विश्लेषकों के इंटरव्यू हो रहे हैं और तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। आखिरी फैसला तो 4 जून को ही आएगा। 
-Legend News

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