FSSAI ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उसने कहा कि न संस्था ने कभी ह्यूमन मिल्क को बेचने की न तो परमिशन दी है और ना दी जाएगी। जो भी लोग ब्रेस्ट मिल्क के विकल्प के रूप में मां के दूध की प्रोसेसिंग या कॉमर्शियल बिक्री का गैर-कानूनी काम कर रहे हैं, वो तुरंत रुक जाएं वरना ऐसे लोगों की खैर नहीं होगी और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 
हालांकि भारत में दूध को अमृत कहा जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों को भी डॉक्टर इसे पीने की सलाह देते हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, हेल्दी फैट, विटामिन की भरमार होती है लेकिन यह दूध गाय या भैंस का होता है न कि ह्यूमन मिल्क। 
इसके पीछे है बड़ा कारण 
​NHM ने नेशनल गाइडलाइन्स ऑन लैक्टेशन मैनेजमेंट सेंटर इन पब्लिक हेल्थ फेसिलिटी में ह्यूमन मिल्क को लेकर सख्त नियम बना रखे हैं। जैसे यह बच्चे को ताजा मिलना चाहिए और डॉक्टर की निगरानी व निर्देश के बाद ही ऐसा किया जा सकता है।
ब्रेस्ट मिल्क को सिर्फ डोनेट किया जा सकता है, इसके बदले किसी भी तरह का पैसा या फायदा नहीं लिया जा सकता। डोनर ह्यूमन मिल्क की बिक्री नहीं की जा सकती है और ना ही कर्मशियल यूज कर सकते हैं। अगर शिशु और मां ब्रेस्ट फीडिंग के लिए स्वस्थ हैं तो यह फर्ज निभाना ही होगा।  
-Legend News

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