प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों मूड में हैं. यूपी की हर चुनावी रैली में विपक्ष को खासतौर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को निशाने पर ले रहे हैं. अपनी रैलियों में पीएम मोदी देश के अलग-अलग राज्यों में मुसलमानों को दिए जाने वाले आरक्षण के खिलाफ मुखरता से बोल रहे हैं. पीएम मोदी सहित भाजपा के सभी स्टार प्रचारक ओबीसी कोटे के तहत मुसलमानों को दिए जाने वाले आरक्षण को लेकर सवाल उठा रहे हैं. इसी कड़ी में जब पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ में चुनावी रैली को संबोधित किया तो 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के मैनिफेस्टो का जिक्र किया.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि यह (सपा-कांग्रेस) लोग कितने खतरनाक हैं कि 2012 में यूपी में विधानसभा चुनावों के दौरान सपा ने अपने घोषणापत्र में ऐलान किया थ कि जिस तरह दलितों और ओबीसी को आरक्षण का लाभ मिलता है, उसी तरह मुसलमानों को भी आरक्षण मिलेगा. एसपी ने यहां तक ​​कह दिया कि ऐसा करने के लिए वह संविधान को दोबारा भी लिखेंगे.’
बता दें कि 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों के लिए उनकी आबादी के अनुपात में ओबीसी और दलित कोटा से ऊपर एक अलग कोटा देने का भी वादा किया था. राम गोपाल यादव ने कहा था कि एक बार जब उनकी पार्टी यूपी में सरकार बना लेगी, तो वह मुसलमानों के लिए उनकी आबादी के अनुपात में एक अलग कोटा शामिल करने के लिए नियमों में उचित बदलाव करेगी. यूपी में मुसलमानों की आबादी लगभग 18% है और कांग्रेस ने एक महीने पहले 27% ओबीसी कोटा के भीतर मुसलमानों के लिए 4.5% कोटा की घोषणा की थी. कई कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार ओबीसी के लिए 27% नौकरी कोटा के भीतर मुसलमानों को 9% का उप-कोटा प्रदान करेगी. 
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने जो घोषणापत्र जारी किया था, उसमें मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा. मुसलमानों को पुलिस, पीएसी में 15 प्रतिशत आरक्षण देने का वायदा किया था.
-Legend News

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