विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने (मार्च में) के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजारों में 40,710 करोड़ रुपये डाले हैं। वृहद आर्थिक परिदृश्य में सुधार और घरेलू मोर्चे पर मजबूत आंकड़ों से एफपीआई का भारतीय शेयरों में आकर्षण बना हुआ है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने शेयरों में 1,539 करोड़ रुपये डाले थे। वहीं जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बदलाव की वजह से अपनी रणनीति बदल रहे हैं। चूंकि अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल फिर बढ़ गया है, ऐसे में आगामी दिनों में एफपीआई फिर बिकवाली कर सकते हैं। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ''वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार की वजह से एफपीआई भारत जैसे बाजारों का रुख कर रहे हैं। इसके अलावा बाजार में हालिया 'करेक्शन' से भी उन्हें निवेश का अवसर मिला है। 
इस वजह से कर रहे निवेश
शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में ऋण या बॉन्ड बाजार में 10,383 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ऋण या बॉन्ड बाजार की बात की जाए, तो ब्लूमबर्ग ने अगले साल 31 जनवरी से भारतीय बॉन्ड को इमर्जिंग मार्केट (ईएम) लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स में शामिल करने की घोषणा की है। इसके चलते एफपीआई बॉन्ड बाजार में पैसा लगा रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने बॉन्ड बाजार में फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये, जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये, दिसंबर में 18,302 करोड़ रुपये डाले थे। कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार में 16,505 करोड़ रुपये डाल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने ऋण बाजार में 52,639 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
Compiled: Legend News

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