दिल्ली के विवेक विहार के अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. सौरव भारद्वाज ने कहा, ''इस अस्पताल के जो मालिक हैं वो इस तरह का एक अस्पताल पश्चिम पुरी में भी चलाते हैं. इनके ऊपर दो बार केस दर्ज हुए हैं.''
''वो केस कड़कड़डूमा कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में चल रहे हैं. एक बार ये बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल चलाते हुए पाए गए थे तो इन पर केस दर्ज हुआ था.''
सौरव भारद्वाज ने कहा, ''ऐसी जानकारी मिली है कि अस्पताल के बेसमेंट में ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग हो रही थी. जांच की जा रही है कि इनके पास इसका लाइसेंस था या नहीं. ऐसे ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग नहीं की जा सकती.''
''जो अस्पताल 9 मीटर से कम ऊंचाईं के होते हैं उन्हें फ़ायर एनओसी की ज़रूरत नहीं होती. इसी कारण इनके पास एनओसी नहीं था. लेकिन अब हमने आदेश दिया है कि सभी अस्पतालों में फ़ायर एग्जिट सिस्टम होना चाहिए.''
25 मई को शनिवार की रात विवेक विहार के एक बेबी केयर अस्पताल में आग लगी थी. इस हादसे में सात नवजात बच्चों की मौत हुई थी. हादसे के वक्त अस्पताल में 12 बच्चे भर्ती थे.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना और स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. शाहदरा के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी के मुताबिक, अस्पताल को 5 बेड तक की अनुमति थी लेकिन उन्होंने 10 से ज्यादा बेड लगाए हुए थे. पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के निदेशक डॉ. नवीन किची को गिरफ्तार किया है. 
-Legend News

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