हैकर्स ठगी करने या फिर डेटा चुराने के लिए लुभावने ऑफर्स का सहारा लेते हैं, इन ऑफर्स को सुनने के बाद लोग खुद को रोक नही पाते और अनजान लिंक पर क्लिक कर बैठते हैं.

एक क्लिक करते ही लोग हैकर्स के जाल में आसानी से फंस जाते है, इस लिंक में मैलवेयर या फिर कह लीजिए वायरस भी हो सकता है जो आप लोगों के बैंकिंग डिटेल्स जैसी जरूरी जानकारी को चुरा सकता है. या फिर लिंक पर क्लिक करते ही आपके फोन का एक्सेस सीधा हैकर्स के हाथों में भी जा सकता है.

पब्लिक कंप्यूटर का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतें, सिस्टम में मौजूद वायरस आपका डेटा चुरा सकता है. पब्लिक कंप्यूटर पर निजी डिटेल्स को छोड़ने की गलती न करें.

गूगल प्ले स्टोर या फिर एपल ऐप स्टोर पर ऐप न मिलने की वजह से लोग थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म्स के जरिए APK फाइल डाउनलोड कर लेते हैं और फिर इस फाइल के जरिए फोन में ऐप इंस्टॉल भी कर लेते हैं. लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि फाइल में छुपा मैलवेयर आपका डेटा में सेंध लगा सकता है.

Data Theft से कैसे बचें?
आप लोगों की थोड़ी सी सूझबूझ से आप खुद को हैकर्स से बचा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको हमेशा अलर्ट मोड पर रहना होगा. अगर किसी अनजान व्यक्ति से आपको ईमेल आया है जिसमें अटैचमेंट भी है तो ऐसे किसी भी अटैचमेंट पर क्लिक करने की गलती न करें. अटैचमेंट में मैलवेयर के जरिए आपका डेटा चुराया जा सकता है
किसी भी साइट पर न जाएं जो सिक्योर न हो.
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक कर सॉफ्टवेयर या ऐप डाउनलोड करने की गलती न करें.
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें, WhatsApp, Facebook, X (ट्विटर) और Gmail जैसी कई साइट्स हैं जो यूजर्स की सेफ्टी और प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन की सुविधा ऑफर करती हैं. आप जो भी ऐप इस्तेमाल करते हैं, उस ऐप की सेटिंग में जाकर टू स्टेप ऑथेंटिकेशन को जरूर ऑन करें.
हैकर से डेटा को बचाना है तो अपने डिवाइस में एंटीवायरस और वायरवॉल को जरूर इंस्टॉल करें और इन्हें हमेशा अपडेट रखें.
- Legend News

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