मथुरा। श्रीकृष्ण-जन्मस्थान पर रंगारंग लठामार होली का भव्य कार्यक्रम 20 मार्च को होगा। इस संबंध में जानकारी देते हुऐ श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि लठामार होली का आयोजन दि0-20 मार्च 2024 बुधवार को ब्रज की परंपराओं एवं मर्यादाओं के अनुरूप संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियों पूर्ण कर ली गयी हैं।

श्री शर्मा ने आगे बताया कि इस वर्ष लठामार होली का आयोजन श्रीकृष्ण-जन्मभूमि परिसर में स्थित केशव वाटिका में ही किया जायेगा, जहां सघन वृक्षावली से अच्छादित प्रांगण में लठामार होली का आयोजन अद्भुत एवं अनूठा होगा। मंदिर, देवालयों एवं धार्मिक स्थलों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जो ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ्य भारत’ का अभियान शुरू किया गया है, इस कार्य को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरन्तर आगे बढ़ा रहे हैं उसका प्रभाव स्पष्ट दिखायी दे रहा है। इसी श्रृंखला में श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान में आयोजित होने वाली परंपरागत लठामार होली आयोजन का संकल्प ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ्य भारत’होगा। इस संकल्प के माध्यम से ब्रज की होली के दर्शन के लिए पधारने वाले श्रद्धालुओं को यह संदेश संकल्प रूप में कराया जायेगा। 

श्रीयमुनाजी, पर्यावरण और ब्रजरज की पवित्रता, शुचिता एवं इनके प्राचीन स्वरूप की प्राप्ति, जनमानस की सहभागिता  ब्रजवासियों एवं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इस संदेश का प्रचार-प्रसार श्रीकृष्ण-जन्मभूमि की विश्वप्रसिद्ध रंगारंग लठामार होली के माध्यम से किया जायेगा, जिसका सकारात्मक प्रभाव होगा। वास्तव में होली का कार्यक्रम अपने आप में स्वच्छता, पवित्रता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का भाव जगाता है एवं लठामार होली, होली के नृत्य, गायन आदि अन्य विधाऐं निश्च‍ित ही अच्छे स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिए जागरूक करती हैं।

संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य श्री गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि केशव-वाटिका में आयोजित होली की साज-सज्जा इस प्रकार की जा रही है जिससे इस आयोजन में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालु परंपरागत होली का दर्शन प्राकृतिक वातावरण और आध्यात्मिक छटाओं  के मध्य कर सकें।  बसन्त पंचमी से प्रारम्भ यह फाग महोत्सव अपने चरम पर है। श्रीकृष्ण संकीर्तन मण्डल के रसिक भक्तजन एवं विश‍िष्ट भजन गायक जन्मभूमि पर विराजमान ठाकुर श्री केशवदेव जी महाराज के समक्ष नित्य होली गायन और पुष्प होली का दिव्य आयोजन कर रहे हैं।

इस वर्ष विश‍िष्ट गुलाल और पुश्प वर्शा की छटा अद्भुद होगी। गुलाल की वर्शा करते समय ऐसा प्रयास रहेगा कि जन्मभूमि के पवित्र परिसर से आकाश इन्द्रधनुषीय दिखाई दे। लठामार होली में ग्राम रावल के सिद्ध हुरियारे-हुरियारिनों के साथ-साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि के हुरियारे-हुरियारिनें भी इस दिव्य लठामार होली लीला में अपनी सहभागिता करेंगें। इस वर्ष हुरियारे-हुरियारिनों की पोशाक भव्य होगीं। इन पोशाकों के निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है।  इस वर्ष विशेष रूप से टेसू पुष्प के रंग भक्तों को प्रिया-प्रियतम के रंग से सराबोर कर होली के आनन्द में दिव्य रस को प्राप्त करायेंगे। रंग एवं गुलाल वर्षा के लिए स्वचालित यंत्रों का उपयोग भी किया जायेगा, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालुजन इस होली के दिव्य प्रसाद को प्राप्त कर सकेंगे।
 
श्री चतुर्वेदी ने आगे बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा को देखते हुऐ सामान घरों पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जायेगी । इस अवसर पर जन्मभूमि के तीनों द्वार से प्रवेश एवं निकास रहेगा साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि कोई भी मोबाइल, इलैक्ट्रोनिक सामान एवं अन्य प्रतिबंधित सामान साथ लेकर न आये जिससे उनका प्रवेश शीघ्रता से हो सके।

श्री किशोर भरतिया ने बताया कि प्रिया-प्रियतम ने इस पवित्र लीला का दर्शन स्वयं कराकर ब्रजवासियों को परमानन्द प्राप्त कराया था। विगत लगभग 42 वर्ष से उसी आनन्द के दर्शन ब्रजवासियों के साथ-साथ देश-विदेश के असंख्य कृष्ण भक्त प्राप्त कर कर रहे हैं ।  ब्रज में होली के अवसर पर आयोजित होने वाली अधिकांश लीलाओं के दर्शन जन्मभूमि की रंगारंग लठामार होली में भक्तों को दर्शनीय हैं।  
श्री नन्दकिषोर अग्रवाल ने बताया कि रंगारंग लठामार होली में ब्रज के विभिन्न अॅंचलों में खेली जाने वाली होली की विभिन्न विधाऐं जैसे फूलों की होली, मयूर नृत्य, गुलाल होली, रंग की होली, चरकुला नृत्य एवं होली के रसिया गायन और वादन का एक समेकित स्वरूप के दर्शन होंगे।                               

रंगारंग लठामार होली के आयोजन को भव्य बनाने के लिए श्री अनिलभाई ड्रेसवाले एवं श्री गौरव अग्रवाल टैन्ट वाले आदि का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है।

- Legend News

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