भाजपा के लिए भविष्यवाणी करने पर Vikram यूनि. के professor निलंबित
उज्जैन। भाजपा के लिए भविष्यवाणी करने पर मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित Vikram विश्वविद्यालय में ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला के प्रमुख professor राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर को लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। ज्योतिष शास्त्र के इस प्राध्यापक ने चुनावी बेला में अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये कथित तौर पर भविष्यवाणी की थी कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की तकरीबन 300 सीटें अपने दम पर जीतेगी, जबकि समूचे एनडीए गठबंधन के खाते में 300 से ज्यादा सीटें आयेंगी।
Vikram विश्वविद्यालय के कुलसचिव डीके बग्गा ने पीटीआई-भाषा के पूछे जाने पर बुधवार को पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट डालकर आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर इस संस्थान की ज्योर्तिविज्ञान अध्ययनशाला के अध्यक्ष professor राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर को निलंबित कर दिया गया है। मुसलगांवकर पर जिस चुनावी भविष्यवाणी को लेकर निलंबन की अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है, वह उनके फेसबुक खाते पर 28 अप्रैल को साझा की गयी थी। इस पोस्ट में कहा गया था, ‘भारतीय जनता पार्टी 300 के पास और एनडीए 300 पार।’
बहरहाल, professor मुसलगांवकर ने अगले ही दिन सार्वजनिक क्षमायाचना के साथ इस फेसबुक पोस्ट को हटा लिया था। उन्होंने इसके बाद फेसबुक पर 29 अप्रैल को जारी पोस्ट में कहा था, ‘मेरे द्वारा ज्योतिषीय आकलन मात्र शास्त्रीय प्रचार की दृष्टि से किया गया था। यदि मेरे प्रयोग से किसी की भावना आहत होती है, तो मैं क्षमा चाहता हूं।’ इस बीच, ज्योतिर्विज्ञान के विभागाध्यक्ष पर निलंबन की कार्रवाई को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सवाल उठाये हैं।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, ‘विभिन्न विषयों पर ज्योतिषीय आकलन जाहिर करना ज्योतिर्विज्ञान के प्राध्यापकों के अध्ययन-अध्यापन का अनिवार्य अंग होता है। ऐसे में मुसलगांवकर जैसे विद्वान ज्योतिषाचार्य पर निलंबन की कार्रवाई सरासर अनुचित है। उनके निलंबन आदेश को शीघ्र रद्द किया जाना चाहिये।’
गौरतलब है कि अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर के अपने प्रयासों के चलते ज्योतिष, वेद और संस्कृत के पाठ्यक्रम रोजगार से जोड़ने की पहल की गई।
मुसलगांवकर के अनुसार 2007 में जब उन्होंने विभाग में ज्वाइनिंग दी थी, तब वेद का कोर्स शुरू ही हुआ था। वेद के अलावा एमएम संस्कृत एवं ज्योतिर्विज्ञान विषय में विद्यार्थियों की संख्या दहाई तक भी नहीं थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अध्ययनशाला से पास हुए विद्यार्थियों ने सीधे रोजगार से जुड़कर अन्य विद्यार्थियों के सामने मिसाल दी है। जिससे साल-दर साल इन विषयों में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ रही है। डॉ. मुसलगांवकर के अनुसार परंपरागत पाठ्यक्रम को आधुनिक संदर्भों के साथ जोड़कर तैयार किया है, जिससे यह वर्तमान प्रासंगिकता और नवाचार की औपचारिकताओं की भी पूर्ति करता है।
-एजेंसी