अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन को लेकर सहयोगी देशों को आगाह किया
वॉशिंगटन। वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनातनी का दौर जारी है। हांगकांग और ताइवान पर अमेरिका अपना कड़ा रुख दिखा चुका है। इस क्रम में अब ब्रिटेन की एक परियोजना पर अमेरिका ने चीन को अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के धौंस जमाने के खिलाफ अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ खड़ा है। उन्होंने चीन को लेकर आगाह किया। उन्होंने सहयोगी देशों से कहा कि चीन से सतर्क रहने की जरूरत है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने दुनिया के अन्य मुल्कों से चीन के आर्थिक जाल में नहीं फंसने के लिए आगाह किया है।
राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आर्थिक दबाव की नीति अपना रहा है चीन
विदेश मंत्री पोम्पियो ने कहा कि चीन का आक्रामक व्यवहार यह दर्शाता है कि देशों को चीन पर आर्थिक रूप से अत्यधिक निर्भर होने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव से अपने यहां के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को बचाना चाहिए। पोम्पिओ ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आर्थिक दबाव की नीति अपना रहा है। पहले वह अपने आर्थिक जाल में फंसाता है, इसके बाद वह अपनी सामरिक एवं राजनीतिक हितों की पूर्ति करता है। हाल में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क तथा अन्य मुक्त देशों को यह झेलना पड़ा है।
ब्रिटेन को हर संभव मदद देने को तैयार ट्रंप प्रशासन
पोम्पियो ने कहा कि हमारा देश सुरक्षित एवं भरोसेमंद परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण से लेकर नागरिकों की निजता को सुरक्षित रखने वाली विश्वसनीय 5-जी सेवा के विकास तक ब्रिटेन में किसी भी जरूरत में मदद करने के लिए तैयार है। मुक्त देश सच्ची मित्रता में विश्वास रखते हैं और साझा समृद्धि की आकांक्षा रखते हैं।
ब्रिटेन पर बेवजह दबाव बना रहा चीन
पोम्पियो ने कहा कि लंदन स्थित एचएसबीसी बैंक के जरिए वह ब्रिटेन पर अपनी परियोजनाओं के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है! पोम्पियो ने आरोप लगाया कि चीन ने ब्रिटेन के बैंक द हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन को कथित तौर पर दंडित करने की धमकी दी है। चीन ने कहा है कि अगर ब्रिटेन हुवेई को उसका 5जी नेटवर्क बनाने की अनुमति नहीं देगा तो वह भी ब्रिटेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का अपना वादा तोड़ देगा।
-एजेंसियां