श्रीकृष्ण-द्रौपदी संवाद से निकली राह पर… बीएचयू का ‘मूल्य प्रवाह’
गांव से लेकर शहर तक तेजी से क्षरण हो रहे सामाजिक व मानवीय मूल्यों के लिए एक बड़ी नेक पहल
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Read moreधर्म एक ऐसा स्तंभ है जो किसी भी देश, उसके नागरिकों, उसकी संस्कृति को न केवल सहेजता है, बल्कि उन्हें
Read moreरिश्तों को लेकर हमारे कवियों-साहित्यकारों ने बड़ा काम किया है। पोथियों पर पोथियां गढ़ते गए परंतु इन्हें प्रभावित करने वाली
Read moreकुछ नासूर ऐसे होते हैं जो किसी एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरे समाज को अराजक स्थिति में झोंक देते हैं,
Read moreघर का गेट खोला… तो देखा दरवाजे की चौखटों पर दीमक लगी हुई है, घर के कई कोनों तक उसका
Read moreमीडिया के निकम्मेपन और गिरावट ने अब तो सारी हदें पार कर दी हैं। कभी जिस वर्ग को समाज और
Read moreकिसी पीड़ित को त्वरित राहत देने के लिए जब कभी भी मदद के नाम पर ”मुआवजे” शब्द का ईजाद किया
Read moreभतृहरि ने कहा था- क्षति क्या है= समय पर चूकना… और हम ये क्षति बहुत पहले से करते आ रहे
Read moreकुछ दुःख बहुत भारी होते हैं, इतने भारी कि सीने में उतर आएँ तो जीवन की नदी के बीचों बीच
Read more1826 में 30 मई की तारीख को जब हिंदी भाषा में ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नाम से पहला समाचार पत्र निकाला
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