नोएडा के SSP वैभव कृष्ण निलंबित, पांचों अन्य IPS भी हटाए गए
लखनऊ। गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के SSP वैभव कृष्ण के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
वैभव कृष्ण को निलंबित किये जाने के साथ ही गोपनीय पत्र से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पांचों IPS अधिकारी अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा व गणेश साहा भी हटाए गए। शासन को भेजे गए उनके गोपनीय पत्र लीक होने के मामले में नाराज चल रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर SSP के वायरल रहे वीडियो की जांच रिपोर्ट आते ही यह कार्यवाही की गई है। उनके वीडियो और चैट की जांच गुजरात के फोरेंसिक लैब से करवाई गई थी। लैब की रिपोर्ट में वे वीडियो और चैट सही पाये गए, जिन्हें वैभव कृष्ण ने फर्जी बताया था। जांच में पाया गया वीडियो और चैट में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
गौतमबुद्धनगर के SSP प्रकरण को लेकर उठ रहे लगातार सवालों के बीच एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार की रिपोर्ट के बाद कठोर कार्यवाही की गई है। SSP वैभव कृष्ण के कथित वीडियो वायरल और गोपनीय पत्र लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है। वैभव कृष्ण को निलंबित किये जाने के साथ ही गोपनीय पत्र से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पांचों IPS अधिकारी पुलिस अधीक्षक रामपुर अजयपाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद सुधीर सिंह, पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर हिमांशु कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ राजीव नारायण मिश्रा व पुलिस अधीक्षक बांदा गणेश साहा भी हटाए गए हैं। इनके समेत लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत 14 IPS अधिकारियों की तबादला सूची जारी की गई है। डीजी विजीलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय एसआइटी IPS अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच करेगी।
पांच IPS अफसरों पर लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
गौतमबुद्धनगर के SSP वैभव कृष्ण के कथित वीडियो वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण द्वारा शासन को भेजा गया गोपनीय पत्र भी लीक हो गया था। पत्र में पांच IPS अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार से जुड़े गंभीर आरोप लगाए गए थे। पत्र लीक होने से सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेसवार्ता कर कहा था कि गौतमबुद्धनगर के SSP वैभव कृष्ण से गोपनीय पत्र लीक करने के लिए स्पष्टीकरण मांगे जाने की बात कही थी। इसके बाद आईजी मेरठ रेंज आलोक सिंह ने वैभव कृष्ण को नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया था, जिसे शासन को सौंपा जा चुका है। आइजी आलोक सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट भी की थी।
शासन स्तर के अफसर भी थे सवालों के घेरे में
SSP वैभव कृष्ण के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से शुरू हुई कहानी में शासन स्तर के अधिकारी तक सवालों के घेरे में आ गए थे। SSP ने अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को भेजे जाने के दावे के साथ जो पत्र सार्वजनिक कर लखनऊ तक सनसनी फैला दी थी। जिम्मेदार अधिकारी तो इसके बावजूद दायें-बायें बचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे उतनी ही गंभीरता से लिया। कुछ भी कहने से बच रहे अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी से ही उन्होंने रिपोर्ट तलब कर ली थी।
पांच IPS के खिलाफ डीजीपी से की थी शिकायत
लड़की के साथ बातचीत का अपना कथित आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद गौतमबुद्ध नगर एसएसपी वैभव कृष्ण ने प्रदेश के पांच आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह को सौंपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वैभव कृष्ण ने कहा था कि उन्होंने पत्रकारिता के नाम पर संगठित गिरोह चलाने वाले कथित पत्रकारों उदित गोयल, सुशील पंडित व चंदन राय को जेल भेजा था, इसी मामले में लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी कार्यवाही हुई थी। चंदन की आइपीएस अजयपाल शर्मा, आइपीएस सुधीर सिंह, IPS हिमांशु कुमार, IPS राजीव नारायण मिश्रा व IPS गणेश साहा के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर की गई बातचीत व वॉट्सएप चैटिंग की जांच में सामने आई थी। तभी से साजिश हो रही था। उन्होंने दावा किया था कि पूरे मामले की जांच के बाद पुलिस विभाग के कई अधिकारियों का काला चिट्ठा खुल जाएगा।
-एजेंसियां