कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में हिन्दू-मुस्लिम हो रहा है और मुसलमान असहज महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि आतंकियों ने आईडी देखकर हत्याएं की हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। किसी भी मुद्दे को उठाने का यह तरीका नहीं हो सकता कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाए।" 
धर्म और राजनीति को रखना चाहिए अलग 
वाड्रा ने कहा कि धर्म और सियासत को अलग-अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "आतंकियों ने आईडी देखकर लोगों की जान ली क्योंकि उन्हें लगता था मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह तरीका बिल्कुल गलत है। मैं इसका पूरी तरह से विरोध करता हूं।" 
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि जब तक हम एकजुट और धर्मनिरपेक्ष नहीं होंगे, तब तक हमारी कमजोरियां और अंदरूनी समस्याएं हमारे दुश्मनों को साफ नजर आएगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मकसद देश को तोड़ना है और इससे लड़ने के लिए समाज का एकजुट होना जरूरी है।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "कोई भी संगठन अपने मुद्दे निर्दोषों की हत्या करके नहीं उठा सकता है। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है, यह सीधा इंसानियत पर हमला है।" साथ ही उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि देश में अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव बढ़ रहा है और यह हालात देश को अंदर से कमजोर कर सकते हैं। 
अल्पसंख्यकों की स्थिति और बेरोजगारी पर जताई चिंता
वाड्रा ने कहा, अल्पसंख्यकों को दरकिनार किया जा रहा है और यहां तक की उन्हें अपने घरों की छत पर नमाज पढ़ने की भी इजाजत नहीं मिलती है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद घाटी में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आएगी, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाएं जल्द लागू करे। 
-Legend News

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