बरसाना। श्री रामगोपाल मथुरिया जी ने एक आंदोलनकारी रूप में अपने विचार और कर्म से राधे जी की पावन भूमि में निष्काम कर्मयोग के सिंद्धात को व्यवहार क्रियान्वयन कर दिखाया। उनके सेवा संघर्ष की मिशाल के किस्से बरसाना वासियों की स्मृति में आज भी छाए हुए हैं।

यह विचार गुरुवार को जनवादी शिक्षक स्व. रामगोपाल मथुरिया एडवोकेट की 21वीं पुण्यतिथि पर ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानंद भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित आदरांजलि कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किए।

कार्यक्रम में मुख्यवक्ता जिले के प्रसिद्ध मजदूर नेता शिवदत्त चतुर्वेदी ने मथुरिया जी के संघर्ष सफर पर विस्तार से चर्चा करते हुए निष्काम कर्मयोगी की संज्ञा दी और आगे कहा कि बालिका शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए किया गया संघर्ष अष्टसाखियों के ग्रामीणों के लिए आज वरदान साबित हो रहा है।

संबोधित करने वाले वक्ताओं में ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट ब्रजेश्वरी बालिका इंटर कॉलेज के प्रबंधक डॉ. बीबी मिश्रा, पूर्व जेल विजीटर लक्ष्मण प्रसाद शर्मा,  इंजीनियर सुमन शर्मा, पूर्व सभासद बच्चू सिंह, बीरो ठाकुर आदि थे।

आदरांजलि में उपस्थित लोगों में पूर्व प्रधानाचार्य लच्छन कौर, जगदीश नेता, घनश्याम गोयल, प्रशांत राजन, शिवानी शैलेश, दिनेश चौधरी, विनय विभांशु, हर्षिता, सीमा गोस्वामी, मालती, विश्वजीत, विवेक मथुरिया, मितुल भट्ट, रामवतार ठाकुर, संजीव अग्रवाल आदि रहे। 
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार योगेन्द्र सिंह छौंकर ने और आभार पूर्व सभासद शरद शैलेन्द्र ने किया।

- Legend News

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