मथुरा। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के अनुसार पठन-पाठन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बुधवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में बेसिक कोर्स इन मेडिकल एजूकेशन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ नेशनल मेडिकल कौंसिल की पर्यवेक्षक डॉ. पूनम अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका तथा संयोजक डॉ. ए.के. जैन द्वारा किया गया।

बेसिक कोर्स इन मेडिकल एजूकेशन पर के.डी.एम.सी. में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में 30 चिकित्सा शिक्षकों को 14 विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर नेशनल मेडिकल कौंसिल की पर्यवेक्षक डॉ. पूनम अग्रवाल ने कहा कि एनएमसी द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा में दक्षता, लक्ष्य व उद्देश्य को बेहतर ढंग से संचालित करने, चिकित्सा शिक्षा के समसामयिक विषयों पर विचार-विमर्श कर उन्हें चिकित्सा शिक्षा में लाना है ताकि संकाय सदस्य टीचिंग लर्निंग मैथड इन मेडिकल एजूकेशन की आधुनिक तकनीक को अपना कर भावी चिकित्सकों को मरीज हित में अच्छी शिक्षा दे सकें।

डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं बेहद लाभकारी होती हैं। इससे चिकित्सा शिक्षकों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। प्रशिक्षण के बाद चिकित्सा शिक्षक और ज्यादा अच्छे तरीके से एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को पढ़ा सकेंगे। डॉ. अशोका ने बताया कि पहले दिन कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने मेडिकल संकाय सदस्यों को पाठ्यक्रम की बुनियादी जानकारी के साथ-साथ टीचिंग लर्निंग मैथड इन मेडिकल एजूकेशन  की आधुनिक तकनीक एवं समूह में कार्य करने के तौर-तरीके सिखाये।

कार्यशाला के संयोजक डॉ. अमित कुमार जैन ने बताया कि एनएमसी की पर्यवेक्षक डॉ. पूनम अग्रवाल के मार्गदर्शन में चल रही इस कार्यशाला में के.डी.एम.सी. के चिकित्सा शिक्षकों को डॉ. विक्रम शर्मा, डॉ. अम्बरीश कुमार, डॉ. तेजेन्दर सिंह, डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. गगन दीप, डॉ. राजेश चौरसिया, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. लीना गोयल, डॉ. प्रणीता सिंह, डॉ. वंदना बाथम, डॉ. मोहर सिंह, डॉ. शालिनी गांधी तथा डॉ. मंजू पांडेय द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि एनएमसी की यह पहल स्वागत योग्य है क्योंकि जिस तरह समय के साथ चिकित्सा तकनीक में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है उसी तरह मेडिकल शिक्षा में बदलाव होना समयानुकूल है। डॉ. अग्रवाल ने चिकित्सा शिक्षकों का आह्वान किया कि कार्यशाला में जो प्रशिक्षण हासिल किया, उसी के अनुरूप कक्षाओं में मेडिकल छात्र-छात्राओं को जानकारी दें। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में हर वर्कशॉप का अपना महत्व होता है। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर एनएमसी की गाइड लाइन के मुताबिक प्रत्येक चिकित्सा शिक्षक को अपडेट करने को प्रतिबद्ध है ताकि उसका लाभ मेडिकल छात्र-छात्राओं तथा मरीजों को मिल सके।
- Legend News

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