नई द‍िल्ली। न‍ित‍िन गडकरी से पहले संसद की स्थाई समिति भी हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस पर GST घटाने की सिफारिश  कर चुकी है, फ‍िलहाल लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर मौजूदा समय में 18% जीएसटी (Goods & Services Tax) का प्रावधान है. हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर भारी भरकम जीएसटी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं परंतु इसी वर्ष फरवरी 2024 में 17वीं लोकसभा में वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति ने इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स और खासतौर से हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने की सरकार से सिफारिश की थी.    

इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST रेट हो तर्कसंगत
मोदी सरकार (Modi Government) के पहले कार्यकाल में वित्त राज्यमंत्री रहे जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) दूसरे कार्यकाल में संसद की वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति ( Parliament Standing Committee Of Finance) के अध्यक्ष थे. जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली स्थाई समिति ने इसी वर्ष 6 फरवरी 2024 को सौंपे गए अपनी रिपोर्ट में सरकार से इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स खासतौर से हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को तर्कसंगत ( Rationalize) बनाने की सिफारिश की थी. इन इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. समिति ने कहा, जीएमटी की ऊंची रेट के चलते प्रीमियम का बोझ बढ़ जाता है जिससे लोग इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से कतराते हैं. 

जीएसटी रेट घटाने की वकालत 
जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली कमिटी ने सरकार के सौंपे गए रिपोर्ट में कहा, कमिटी का मानना है कि इंश्योरेंस को अफोर्डेबल बनाने के लिए वो सरकार को ये सिफारिश करती है कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाले जीएसटी रेट्स को घटाया जाए. खासतौर से सीनियर सिटीजंस और 5 लाख रुपये तक के माइक्रोफाइनेंस पॉलिसी (आयुष्मान भारत योजना की लिमिट है) उस पर लगने वाले जीएसटी रेट्स को कम किया जाए.

गरीबी में धकेले जाने से एक मेडिकल बिल दूर
स्थाई समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा, आधुनिक दिनों की अर्थव्यवस्था में इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स व्यक्तियों से लेकर एंटरप्राइजेज को सुरक्षा प्रदा करने से लेकर रिस्क मैनेजमेंट करते हैं. नागरिकों को इंश्योरेंस जीवन, स्वास्थ्य और एसेट्स के लिए सुरक्षा प्रदान करता है जो कि पॉलिसीधारकों पर निर्भर लोगों को फाइनेंशियल सपोर्ट देने के साथ कम आय वर्ग के लोगों के लिए सेफ्टी नेट प्रदान करता है.  कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, देश में कई लोग गरीबी में फिसलने से केवल एक मेडिकल बिल की दूरी पर है ऐसे में अफोर्डेबल प्रीमियम वाले इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स और कैशलेस सेटलमेंट फैसिलिटी से ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे. 
-Legend News

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