रिपोर्ट : LegendNews
मंत्र के भाव से पता चल जाता है कि आपको किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए
हम सभी संगीत सुनकर भावुक हो जाते हैं। हमारे यहां तरह-तरह के गाने हैं। कोई भावुक गाना सुनकर रो पड़ता है तो कोई मस्तमौला गीत सुनकर नाचने लगता है। इसी तरह कुछ संगीत ऐसे होते हैं जो सीधे दिल को छूते हैं। ऐसे संगीत अकसर हमें घंटों विचलित रखते हैं। जबकि कुछ गाने सुनकर सिर्फ झूमने का मन करता है। संगीत सुनकर जो भावनाएं आपमें जागृत होती हैं, असल में आपको किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए, उसी भाव से पता लगाया जा सकता है।
मंत्र संस्कृत के पवित्र शब्द हैं, जिन्हें इस तरह से व्यवस्थित किया जाता है कि सही तरीके से उच्चारण करने पर बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा का हमारे आसपास आगमन होने लगता है। मंत्र जाप के शक्तिशाली प्रभाव किसी से छिपे नहीं हैं। हालांकि शुरू में उनका उपयोग आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता था और ये मूल रूप से तांत्रिक विद्या और वेदों के रूप में जाने जाने वाले धार्मिक ग्रंथों में से थे। सभी मंत्रों का स्रोत "ॐ " है जिसमें सभी देवी-देवताओं की शक्ति मौजूद है। "ॐ" वह ध्वनि है, जो ब्रह्मांड के निर्माण के समय सबसे पहले अस्तित्व में आई थी। इसी से बाकी ध्वनि और शब्दों की उत्पत्ति हुई, बाद में पवित्र और शक्तिशाली मंत्रों को बनाने के लिए इन्हीं को उपयोग किए गए थे। मंत्र (Mantras) जीवन के हर पहलू में बहुत फायदेमंद होते हैं। जब पूरे भक्तिभाव और आस्था के साथ इन मंत्रों का जाप किया जाता है, तो जातक को इसका लाभ जरूर मिलता है।
सफलता और असफलता जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है। कोई भी व्यक्ति असफल हुए बिना सफल नहीं हो सकता। हर किसी को अपने जीवनकाल में कभी न कभी हार का मुंह देखना ही पड़ता है। लेकिन कुछ लोग अपनी असफलता से इतना निराश हो जाते हैं कि अपनी हार को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें कम मेहनत में आसानी से सफलता प्राप्त हो जाती है। उन्हें धन अर्जित करने में भी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है। इससे अलग, कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो बारंबर एक ही चीज का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफलता हाथ नहीं आ रही है। ऐसे लोग अक्सर तनाव का शिकार हो जाते हैं, जिनसे उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपको यह ध्यान रखना होगा कि केवल प्रयास और कड़ी मेहनत ही सफलता का एकमात्र कारण नहीं है, क्योंकि सफलता के पीछे कई चीजें शामिल होती हैं जैसे मंत्र, यंत्र, शिक्षा, प्रबंधन कौशल, आत्मविश्वास, संबंध, संचार कौशल आदि। ये सभी कारक होते हैं, जो सफलता और धन के मार्ग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका निभाते हैं।
जातक के जीवन में मंत्र (Mantras) की मदद से कई सकारात्मक ऊर्जाओं का आगमन हो सकता है। लेकिन हर मंत्र का उच्चारण श्रद्धाभाव और पवित्रता के साथ करना चाहिए। जो भी व्यक्ति मंत्र उच्चारण शुरू करना चाहता है, उसे उन मंत्रों पर विश्वास होना चाहिए, उन मंत्रों का सही तरह से उच्चारित करना आना चाहिए और हमेशा एक निश्चित समय पर ही उन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
कैसे मदद करते हैं सफलता के लिए मंत्र
मंत्र सफलता और समृद्धि प्राप्त करने का एक बहुत अच्छा स्रोत है। मंत्र उच्चारण से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। सकारात्मक ऊर्जा की मदद से व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है। मंत्रों के नियमित और धार्मिक जाप के बाद आध्यात्मिक शक्ति और जागरूकता भी जागृत होती है, जिससे व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा की संभावना बढ़ जाती है, जो सौभाग्य लाती है।
मंत्र जाप, स्वयं और ईश्वर के बीच संबंध बनाने का एक जरिया भी है। किसी विशेष देवता के मंत्र का जाप करने से भगवान आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त को आशीर्वाद देते हैं। प्रत्येक मंत्र की अपनी ध्वनि और कंपन है और उनके भीतर एक दिव्य शक्ति होती है, जो जीवन से बाधाओं को दूर करने में मदद करती है। साथ ही ये मंत्र सफलता पाने का एक आसान मार्ग प्रशस्त करते हैं।
सफलता के लिए मंत्र का जाप कैसे करें
संपूर्ण संस्कृत मंत्र प्रकृति की ध्वनियों से प्रेरित होकर रचा गया था। इसलिए इन मंत्रों को प्रत्येक बार जप करते हुए इनके उच्चारण पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। जाप और उच्चारण का सही तरीका जानने के लिए गुरुओं या किसी जानकार से सलाह ले सकते हैं।
किसी भी मंत्र का जाप पूरे श्रद्धाभाव के साथ करना चाहिए। आपको बता दें कि मन और हृदय में साफ और अच्छी मंशा रखना, मंत्रों का सही ढंग से जप करने से अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है।
प्रणायाम करने की अवस्था में बैठें। अपने शरीर को ढीला छोड़ें। इसके बाद गहरी सासं लें। सांस की गति पर नियंत्रण रखें। इसके बाद मंत्र उच्चारण शुरू करें।
मंत्रों के शब्दों को गूंजती हुई आवाज में उच्चारण करने का प्रयास करें, जिससे मंत्र की शक्ति शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करे। इसके अलावा, मंत्र जाप के समय की गिनती रखने के लिए जाप माला या मोतियों का उपयोग करें।
सफलता के लिए महत्वपूर्ण मंत्र
1. सफलता के लिए शिव मंत्र (
भगवान शिव हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली और परोपकारी देवता हैं। उन्हें दया का प्रतीक माना जाता है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के अनुष्ठान करते हैं। इनमें शिव मंत्रों का जाप भी शामिल है। शिव के मंत्र विशेष रूप से भय को हराने और आत्मविश्वास हासिल करने पर केंद्रित हैं। यह मंत्र सफलता के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। साथ ही यह मंत्र भक्त को उसके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं या अड़चनों से लड़ने में मदद करता है और अंदर से मजबूत बनाता है।
शिव मंत्र है:
ॐ हिली हिली शुल पाणेय नमः ||
सफलता के लिए शिव मंत्र जाप के लाभ
शिव के मंत्र मुख्य रूप से भय और संदेह सहित परिवर्तन के भय को दूर करने पर केंद्रित हैं। जाहिर है जब कोई बदलाव से नहीं डरता, तो वह आत्मविश्वास के साथ किसी भी स्थिति के साथ सामंजस्य बैठा लेता है और जरूरत पड़ने पर परिवर्तन के साथ आई समस्याओं से भी वह आसानी से निपट सकता है।
अगर इन मंत्रों (mantras) को आस्था और श्रद्धाभाव के साथ जाप किया जाए, तो ये जातक की आंतरिक क्षमता और शक्ति को बढ़ा सकते हैं। उनकी क्षमता और आतंरिकत शक्ति उन्हें उनके लक्ष्य की ओर ले जाने में मदद करते हैं।
शिव मंत्र शरीर, मन और आत्मा को उन सभी तनावों, अस्वीकृति, असफलता, अवसाद और अन्य नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में मदद करता है, जिनका हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सामना करते हैं।
शिव मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय शुभ नक्षत्र या तिथि, चंद्रमावली
इस मंत्र का जाप करने की संख्या 1,25,000 बार, 108 बार
शिव मंत्र का जाप कौन कर सकता है? कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें उत्तर, पूर्व दिशा की ओर
सफलता और धन के लिए लक्ष्मी मंत्र
माता लक्ष्मी को हिंदू धर्म की सबसे लोकप्रिय और पूजनीय देवी में से एक माना जाता है। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं। साथ ही वह धन, भाग्य, विलासिता और समृद्धि की अग्रदूत भी हैं। धन, सौंदर्य और समृद्धि की देवी होने के नाते, वह धन और खुशी का प्रतिनिधित्व करती हैं। जो लोग उनकी पूजा करते हैं, उन्हें वित्तीय संकट से मुक्ति मिलती है। देवी लक्ष्मी के मंत्र न केवल धन और समृद्धि लाने के लिए हैं, बल्कि यह भक्तों को बुद्धि प्रदान करते हैं और समझ के साथ मन को प्रबुद्ध करते हैं।
लक्ष्मी मंत्र है:
|| ॐ श्री लक्ष्मी सहोदराय नमः ||
लक्ष्मी मंत्र के जाप के लाभ
मां लक्ष्मी सुंदरता और समृद्धि की प्रतिमूर्ति हैं। उन्हें समर्पित मंत्र से अपार धन और सफलता मिलती है।
माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं, इसलिए उन्हें एक सुंदर महिला की आदर्श छवि माना जाता है। अच्छे मन से उनके मंत्रों का जाप करने से जातक भीतरी और अंदरूनी रूप से सुंदर बनता है।
लक्ष्मी मंत्र का जाप करते समय उत्पन्न कंपन जातक के चारों ओर एक आभा उत्पन्न करता है, जिसके कारण वह अपने कार्य के प्रति अत्यधिक संकल्पित हो जाता है। नतीजतन सफलता प्राप्त होती है।
लक्ष्मी मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा तिथि, चंद्रवल्ली
इस मंत्र का जाप करने की संख्या 108 बार, 72 दिनों के भीतर 1,25,000 बार
इस लक्ष्मी मंत्र का जाप कौन कर सकता है? कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें उत्तर, पूर्व दिशा की ओर
सफलता के लिए कृष्ण मंत्र
श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। उन्हें भगवान विष्णु का सबसे लोकप्रिय रूप माना जाता है। भगवान कृष्ण ने पृथ्वी पर अपनी शिक्षाओं का प्रसार किया और उनकी महान शिक्षाओं को पवित्र पुस्तक, भगवद्गीता में दर्ज किया गया है, जिसमें मानवता के लिए कालातीत संदेश शामिल हैं। भगवान कृष्ण सभी मानवता के रक्षक हैं। साथ ही वह सबके दर्द और पीड़ा को दूर करने वाले हैं। प्रत्येक मनुष्य जीवन के चक्र से मुक्ति चाहता है, लेकिन माया में लिप्त होने की वजह से उससे छुटकारा पाना इतना आसान नहीं है। कृष्ण मंत्र का जाप करने वाले भक्त आसानी से सभी प्रकार के भ्रमों के बंधन से मुक्त हो सकते हैं और भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। यह मंत्र उन्हें मोक्ष की ओर जाने में मदद करता है।
कृष्ण मंत्र है:
कृष्ण कृष्ण महायोगिन् भक्तानाम भयंकर
गोविन्द परमानन्द सर्व मे वश्यमानय ||
कृष्ण मंत्र जाप के लाभ
भक्ति भाव से नियमित रूप से कृष्ण मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के भ्रम और भय दूर होते हैं। साथ ही जाप करने वाले जातक में आत्मविश्वास बढ़ता है और उसके साहस में वृद्धि होती है।
जो लोग इस मंत्र का साफ मन से जाप करते हैं, उन पर भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहती है। वह रोगों से मुक्त होता है और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद सदैव उस पर बना रहता है। इससे जातक के घर में समृद्धि, कल्याण और शांति की भावना बनी रहती है।
इस श्री कृष्ण मंत्र में विशेष शक्तियां हैं। यह खासकर छात्रों और व्यवसायिक लोगों के लिए लाभकारी है। इस मंत्र की मदद से छात्रों और व्यवसायिक लोगों में ज्ञान बढ़ता है और उनका कौशल निखरता है, जिससे सफलता और धन का मार्ग प्रशस्त होता है।
कृष्ण मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 से 6 बजे के बीच
इस मंत्र का जाप करने की संख्या 108 बार
इस कृष्ण मंत्र का जाप कौन कर सकता है? कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें श्रीकृष्ण मूर्ति या उत्तर तथा पूर्व दिशा की ओर
बाधाओं को दूर करने के लिए हनुमान मंत्र
हिंदू धर्म में कई देवी-देवता हैं, लेकिन भगवान हनुमान के समान किसी अन्य भगवान के पास इतने समर्पित भक्त नहीं हैं। वह संकट मोचन, संकटों को दूर करने वाले और श्री राम के सच्चे भक्त हैं। वह भगवान शिव के अवतारों में से एक हैं। वह किसी भी समय या स्थान में अद्वितीय हैं। असल में वह वास्तविक भक्ति की अभिव्यक्ति हैं। उनकी पूजा करने से भगवान से सीधा संबंध बनता है। वह अपने भक्तों की पूरी रक्षा करते हैं। हनुमान मंत्र का जाप करने से भगवान हनुमान की सुरक्षा, धन, ज्ञान, वीरता और सफलता सहित कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
हनुमान मंत्र है
|| ॐ हनुमंत वीर रखो हद धीर करो ये काम व्यापार बढ़े तंत्र दूर हों टोना टूटे ग्राहक बढे कारज सिद्ध होय ना होय तो अञ्जनि की दुहाई ||
हनुमान मंत्र जाप के लाभ
भगवान हनुमान के मंत्र के नियमित जाप से, जातक का भाग्य खुलता है। वह किसी भी तरह के चुनौतीपूर्ण कार्य को हर स्थिति में पूर्ण कर सकता है। साथ ही वह सफलता भी प्राप्त कर सकता है।
नया व्यवसाय शुरू करते हुए अगर किसी को डर लग रहा है, तो उन्हें इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इससे भय दूर होता है और मन की शंकाएं भी खत्म होती हैं।
हनुमान मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का आलस्य दूर होता है। उसके ज्ञान और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इस वजह से यह समाज के सामने एक आदर्श व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। यही नहीं, उसके बढ़ते आत्मविश्वास और ज्ञान उसे धन प्राप्ति और सफल होने में भी मदद करते हैं।
हनुमान मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय शुक्लपक्ष मंगलवार या शनिवार, ब्रह्म मुहूर्त
इस मंत्र का जाप करने की संख्या 108 बार
हनुमान मंत्र का जाप कौन कर सकता है? कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें उत्तर या पूर्व की ओर
सफलता के लिए गणेश मंत्र
भगवान गणेश या गणपति ब्रह्मांड में सभी प्राणियों और ऊर्जाओं के स्वामी हैं। वह ब्रह्मांड को व्यवस्थित रखने वाले सर्वोच्च नियम के धारक हैं। उनके बिना ब्रह्मांड में अराजकता फैल सकती है, जो उसके विनाश का कारण बन सकता है। भगवान गणेश सर्वोच्च चेतना हैं, जो सभी पर हावी हैं। वह सब कुछ नियंत्रण में रखते हैं। उन्हें सृष्टि की प्रक्रिया सर्वोच्च रूप माना जाता है। उनकी पूजा करने और उनके मंत्र (mantra) का जाप करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह शारीरिक शक्ति ही नहीं वरन तर्क, विवेक भी बढ़ाता है। भागवत तत्व कहते हैं, "गणपति सार्वभौमिक बुद्धि (महत्व-तत्व) के स्वामी हैं"।
गणेश मंत्र है:
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ||
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ||
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ||
गणेश मंत्र के जाप के लाभ
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सभी धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से की जानी चाहिए। गणेश मंत्र का जाप अत्यंत शुभ है। जातक के लिए यह मंत्र दिव्य शक्ति लाता है।
भगवान गणेश बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। माता लक्ष्मी के मंत्र के साथ भगवान गणेश के मंत्र का जाप करने से धन और समृद्धि आती है। माता सरस्वती के मंत्रों के साथ उनके मंत्रों का जाप शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि और ज्ञान को बढ़ावा देता है।
इस मंत्र की मदद से जातक का मन साफ होता है, दूसरों के प्रति उसके मन में मौजूद बुरे इरादे खत्म हो जाते हैं। साथ ही यह मंत्र जातक को आत्मविश्वास और स्पष्टता प्रदान करता है। धन और सफलता प्राप्त करने में भी यह मंत्र लाभकारी है। यह मंत्र जातक को उनके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करता है। यह मंत्र तुलनात्मक रूप से तेजी से काम करता है।
गणेश मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः स्नान के बाद
इस मंत्र का जाप करने की संख्या 48 दिनों के लिए 108 बार
इस गणेश मंत्र का जाप कौन कर सकता है? कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें उत्तर या पूर्व
सफलता के लिए विष्णु मंत्र
भगवान विष्णु हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक हैं। ब्रह्मांड की सृष्टि में उनका बराबर का योगदान है। वह भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा के साथ हिंदू धर्म की पवित्र त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं। दुनिया को बुराई से बचाने और धर्म की स्थापना के लिए, भगवान विष्णु ने विभिन्न अवधियों में दस अलग-अलग रूप लिए, जिन्हें दशावतार कहा जाता है। इन सभी दस रूपों को पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है और प्रत्येक रूप की लोग अलग-अलग तरीकों से पूजा करते हैं। विष्णु मंत्र का उपयोग ब्रह्मांड के निर्माता भगवान विष्णु की पूजा के लिए किया जाता है। जैसे भगवान ब्रह्मा को ब्रह्मांड का पिता माना जाता है और भगवान शिव इसके संहारक हैं। इसी तरह, भगवान विष्णु ब्रह्मांड के अनुचर हैं। मां लक्ष्मी विष्णु की पत्नी हैं। वह क्षीर सागर में शेषनाग के शीर्ष पर विराजमान हैं। भगवान विष्णु के मंत्र (mantra) का जाप करने से भक्त अपनी चेतना और अपनी क्षमता के बारे में जागरूक होता है, जिससे उसे समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
विष्णु मंत्र है:
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
अर्थ - "मैं भगवान विष्णु की स्तुति करता हूं जो सभी संसारों के स्वामी हैं। वह संसार के दुख हरते हैं। उनके दुखों का नाश करते हैं। भगवान विष्णु शांत स्वरूप हैं। वह सर्प शय्या पर विराजमान हैं। वह सभी देवताओं का स्वामी हैं और उनकी नाभि से कमल का डंठल निकलता है। वह इस ब्रह्मांड की नींव हैं। उनका रूप विस्तृत है। वह बादलों की तरह काले रंग को धारण करते हैं और शुभ नजर आते हैं। वह देवी लक्ष्मी का आकर्षण हैं। ऋषि-मुनियों द्वारा कमल के नेत्रों वाले भगवान का निरंतर ध्यान किया जाता है।
विष्णु मंत्र के जाप के लाभ
विष्णु मंत्र का पूर्ण भक्ति के साथ जाप करने से जातक की सहनशक्ति बढ़ती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। इससे उन्हें बिना ज्यादा संघर्ष किए अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलती है।
विष्णु मंत्र भक्त के मन से सभी प्रकार के नकारात्मक विचारों, भ्रम और कमजोरियों को दूर करने में मदद करता है। उनकी आत्मा को सभी नकारात्मक ऊर्जा से शुद्ध करता है।
भगवान विष्णु सभी प्रकार के बुरे इरादों और बुरे मंत्रों के प्रभाव को नष्ट करते हैं, जो जातक के प्रति किसी के बुरे विचारों का परिणाम हो सकते हैं। यह मंत्र जातक के मन को शांति प्रदान करते हैं।
विष्णु मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच)
इस मंत्र का जाप करने की संख्या 108 बार
विष्णु मंत्र का जाप कौन कर सकता है? कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें उत्तर या पूर्व की ओर या विष्णु की तस्वीर/मूर्ति के सामने
सफलता के लिए मंत्र जाप के समग्र लाभ
इन मंत्रों का जाप करने से जातक की आंतरिक गुणवत्ता और सहनशक्ति में वृद्धि होती है।
इस मंत्र के नियमित जाप से व्यक्ति अपने परिवेश के बारे में जागरूक हो जाता है और उसे इस बात का स्पष्ट अंदाजा हो जाता है कि वह जीवन से क्या चाहता है।
जो लोग इन मंत्रों को अच्छे भाव से जपते हैं, उनके रास्ते से हर प्रकार की बाधा दूर हो जाती है। उन्हें आसानी से सफलता मिल जाती है।
इन मंत्रों में विशेष शक्तियां होती हैं, क्योंकि ये मंत्र जातक के आस-पास की सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं। उन्हें सकारात्मकता और ज्ञान से भर देते हैं।
जब कोई नियमित रूप से इन मंत्रों का जाप करता है तो बुद्धि में वृद्धि होती है। जातक बिना किसी परेशानी के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता चला जाता है।
इनमें से कुछ मंत्रों में आलस्य को दूर करने की शक्ति भी है, जो जातक को ऊर्जा और उत्साह से भर देता है। अपनी इस ऊर्जा और उत्साह का उपयोग कर जातक सफल होता है तथा धन प्राप्त करने में उसे मदद मिलती है।
- Legend News
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