भारत ने 'पहलगाम आतंकी हमले' का पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार (6 मई) की रात 1.30 बजे पाकिस्तान और POK के भीतर एयर स्ट्राइक (हवाई हमला) बोला। भारतीय सेना ने 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमले में 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने बुधवार (7 मई) को सुबह 10.30 बजे दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक की जानकारी साझा की। 
PAK में 30 साल से आतंकवाद का निर्माण हो रहा
प्रेस ब्रीफिंग में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप दिखाई। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा-पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है। 
मुजफ्फराबाद में लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण सेंटर
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा- मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था। 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
25 मिनट चला ऑपरेशन
व्योमिका सिंह ने बताया कि रात 1 बजकर पांच मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच हमला किया गया। 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का चयन किया गया था।
पहलगाम हमले से आक्रोश है
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया को बताया- पहलगाम हमले से आक्रोश है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कुछ कदम उठाए। यह जरूरी है कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वो इंकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली कि और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था। इन्हें रोकने के अधिकार का हमने इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। 
परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया 
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा- पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था, जिसमें पीड़ितों को बहुत नजदीक से सिर में गोली मारकर और उनके परिवार के सामने मार दिया गया...परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया। 
हमले ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर किया
विक्रम मिसरी ने कहा- 25 अप्रैल को मीडिया रिलीज से टीआरएफ का संदर्भ हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकवादी हमले ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर कर दिया है।
हमले में पाकिस्तान का हाथ 
विक्रम मिसरी ने कहा कि रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई है।
बर्बरता का संदेश देने को कहा गया
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा- परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से फल-फूल रहा था इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना था। 
कॉन्फ्रेंस से पहले वीडियो प्ले किया
विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एयर स्ट्राइक का वीडियो प्ले किया। PC से पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में सुरक्षा मामलों और रक्षा नीति पर चर्चा हुई। 
-Legend News

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