वृन्दावन। रमणरेती-परिक्रमा मार्ग स्थित प्राचीन वन विहार (आचार्य पीठ टोपी कुंज) में अनंतश्री विभूषित जगद्गुरू निंबार्काचार्य श्रीमन्मुकुंद देवाचार्य सेवा समिति चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) के द्वारा चल रहा आद्याचार्य अनंतश्री विभूषित जगद्गुरू निंबार्काचार्य श्रीमन्मुकुंद देवाचार्य महाराज का द्वादश दिवसीय पाटोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।इसी के साथ श्रीमद्भागवत महापुराण कथा, श्रीमहावाणी पाठ, त्रिदिवसीय समाज गायन, श्रीयुगल महामंत्र अखंड संकीर्तन व महंतों का सम्मान आदि के आयोजन भी संपन्न हुए।
वन विहार के अध्यक्ष श्रीश्री ललिताशरण देवाचार्य महाराज ने कहा कि वन विहार (आचार्य पीठ टोपी कुंज) श्रीधाम वृन्दावन का अत्यंत प्राचीन व सिद्ध स्थल है।यहां कई संतों व भक्तों ने साधनामय जीवन जीते हुए भगवान की नित्य लीलाओं का दर्शन किया है।इसीलिए यह भूमि अत्यधिक पावन व पुनीत है।
पूज्य महाराजश्री की परम् कृपापात्र शिष्या एडवोकेट स्वाति शुक्ला (मुम्बई) एवं डॉ. राजेश सूद ने कहा कि हमारे सद्गुरदेव श्रीश्री ललिताशरण देवाचार्य महाराज निंबार्क संप्रदाय की बहुमूल्य निधि हैं।उन्होंने अपना समूचा जीवन संप्रदाय के संवर्धन व उन्नयन में व्यतीत किया है।ऐसे दिव्य संत का दर्शन सदैव ही कल्याणकारी होता है।
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं भागवताचार्य रामनिवास शास्त्री ने कहा कि जगद्गुरु ललिताशरण देवाचार्य महाराज के रोम-रोम में संतत्व विद्यमान है। हम सभी ने परमात्मा को कहां देखा है,पूज्य महाराजश्री जैसी दिव्य विभूति ही हमें पृथ्वी पर प्रभु सत्ता का आभास कराती हैं।
इस अवसर पर महावीर शरण शास्त्री, डॉ. राजेश सूद, सतीश अग्रवाल, समाज मुखिया गोपाल शर्मा, ऋषिराज तिवारी, रामलखन बाबा, हरिदास बाबा, चरण दास, रवि शर्मा, नवल बाबा, राम नरेश भंडारी, संजीव शास्त्री, भजन गायन चन्दन महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, श्याम सुंदर शर्मा, प्रेमदास मुखिया, गोपाल, मनमोहन शरण तिवारी, संत लाड़िली दास आदि की उपस्थिति विशेष रही।
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