नई द‍िल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जामिया नगर में बने अवैध निर्माण को तोड़ने के फैसले पर मुहर लगा दी है. कोर्ट ने राज्य प्रशासन और डीडीए को अपने-अपने इलाकों में अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस फैसले को लेकर आवाम में नाराजगी दिख रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को जामिया नगर में अवैध निर्माण को तोड़ने का हुक्म दिया है. कोर्ट ने ओखला गांव में खाता नंबर 279 में 4 बीघा से ज्यादा जमीन पर बने इमारतों को गिराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके लिए तीन महीने तक का समय दिया है.

जामिया नगर में बने इमारतों को ध्वस्त करने के आदेश को लेकर स्थानीय लोगों में खासा नाराजगी बनी हुई है. कोर्ट ने दिल्ली विकास अथॉरिटी को तीन महीने में आदेश को पूरे करने के लिए निर्देश दिए है. दो जस्टिस की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां ने आवामी जमीन पर बिना रजिस्ट्रेशन के बनी इमारतों और 2018 में हुए सुनवाई को लेकर यह फैसला लिया है. 

ध्वस्त से पहले 15 दिन का नोटिस 
कोर्ट ने अपने फैसले में प्रशासन को निर्देश दिया है कि किसी भी इमारत को गिराने से 15 दिन पहले वहां रहने वाले व्यक्ति को नोटिस दिया जाएगा. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिन लोगों को नोटिस मिलेगा वह कानून के मुताबिक कानूनी कदम उठाने ते लिए आजाद है.
- Legend News

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