नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट संभल शाही जामा मस्जिद के विवादित कुएं को लेकर कोई भी कदम उठाने पर रोक लगाई है. इस कुएं का आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है. इस इलाके में मस्जिद के स्थान पर एक हिंदू मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. कोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.

मस्जिद समिति ने दावा किया है कि, कुएं को हिंदुओं द्वारा पूजा और स्नान के लिए उपलब्ध 'श्री हरि मंदिर' बताया जा रहा है. यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आया जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार शामिल थे. याचिका में मस्जिद के अधिकारियों ने तर्क दिया कि हिंदुओं की प्रार्थना के लिए कुएं को खोलने से संभल में शांति भंग होगी.

मामले में पिछले साल नवंबर में घातक झड़पें हुई थीं. पिछले साल नवंबर में, एक बड़ी भीड़ ने अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण का विरोध किया, जो एक याचिका पर आधारित था जिसमें दावा किया गया था कि मुगलकालीन मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को नष्ट कर दिया गया था.

याचिका में कहा गया है कि जिला प्रशासन, संभल शहर में पुराने मंदिरों और कुओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक कथित अभियान चला रहा है. रिपोर्ट बताती है कि कम से कम 32 पुराने अप्रयुक्त मंदिरों को पुनर्जीवित किया गया है और 19 कुओं की पहचान की गई है जिन्हें सार्वजनिक प्रार्थना या उपयोग के लिए चालू किया जा रहा है.

याचिका में कहा गया है, "जिला प्रशासन द्वारा पुनर्जीवित किए जाने वाले कुओं की सूची में मस्जिद के परिसर में स्थित एक जल कुआं भी शामिल है. यह एक ढका हुआ कुआं है जिसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर है और दूसरा आधा हिस्सा बाहर की ओर एक घुमावदार मंच पर फैला हुआ है. यह कुआं तीन संकरी गलियों के त्रिकोणीय जंक्शन पर स्थित है जो मस्जिद के मुख्य प्रवेश द्वार की ओर जाती हैं और इसका उपयोग मस्जिद के उपयोग के लिए पानी निकालने के लिए किया जा रहा है."

मस्जिद समिति ने तर्क दिया कि संभल के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि क्षेत्र के सभी कुओं का धार्मिक महत्व है. याचिका में कहा गया है, "संभल और मस्जिद के आसपास पोस्टर लगाए गए हैं, जो कथित तौर पर ऐतिहासिक कुओं के स्थान को दर्शाते हैं, जिसमें मस्जिद को मंदिर के रूप में दर्शाया गया है." याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह संभल के जिला मजिस्ट्रेट को उचित निर्देश दे कि वह यह सुनिश्चित करे कि मस्जिद की सीढ़ियों,प्रवेश द्वार के पास स्थित निजी कुएं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना इस संबंध में कोई कदम या कार्रवाई न की जाए.

- Legend News

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