मथुरा। जनवादी लेखक संघ, मथुरा इकाई द्वारा देश के महान राजनीतिक विचारक, लेखक, संपादक तथा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। 

श्रद्धांजलि सभा में जनवादी लेखक संघ, मथुरा के अध्यक्ष टिकेन्द्र शाद ने कहा कि सीताराम येचुरी एक समर्पित समाजवादी थे, जो आजीवन सामाजिक समरसता व साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए संघर्ष करते रहे, वास्तव में वो सामाजिक समन्वय के संवाहक थे। वो आजीवन संविधान, जनतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए प्रयासरत रहे। 

कॉमरेड कैलाश वर्मा ने कहा कि सीताराम येचुरी धर्म के राजनीति में आने का विरोध करते रहे और सारी जिंदगी अपने वरिष्ठ नेताओं से सीखते रहे। अनेक विपक्षी नेताओं को एक मंच पर जोड़कर उन्होंने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी। 

जनवादी लेखक संघ मथुरा के सचिव डॉ धर्मराज ने कहा कि सीताराम येचुरी मजदूरों के जनप्रिय नेता थे, उनकी खूबी यह थी कि ज्यादातर लोग उनसे जुड़े रहते थे तथा वे किसानों और मजदूरों के बहुत बड़े रक्षक व उनके बीच काफी लोकप्रिय थे। 

विवेकदत्त मथुरिया ने कहा कि सीताराम येचुरी की विचारधारा सर्वकल्याण की थी, उन्होंने सदैव गलत को गलत कहा और धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी व साम्यवादी दलों को एकजुट कर इंडिया गठबंधन की बुनियाद रखी।
 
श्रद्धांजलि सभा में डॉ देवेन्द्र गुलशन, राजकिशोर, डॉ सुनील कुमार, डॉ जगबीर सिंह, मुरारीलाल, धर्मदेव, डॉ शालिनी माहेश्वरी, डॉ अनिल कुमार, अश्वनी शर्मा, अंजू मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
- विवेकदत्त मथुरिया

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