मथुरा। धर्म युद्ध की भूमि कुरुक्षेत्र में पांडव और कौरवों की सेनाओं के मध्य महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण की वाणी गीता का बुधवार को ठीक 11बजे से एक मिनट का पाठ किया गया। गीता के अध्याय 18 जहां कृष्ण वहीं विजय का श्लोक का उच्चारण किया गया। जो श्री कृष्ण जन्म भूमि की मुक्ति और बांग्लादेश में निवास करने वाले हिंदुओं की रक्षा को समर्पित था। 

वृंदावन के चिंतामणि कुंज में सामूहिक पाठ का आयोजन संत डॉ आदित्यानंद महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास ने कराया। इसमें बड़ी संख्या साधु संत और श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज ने दो दिन पहले कुरुक्षेत्र में हुई अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में श्री कृष्ण जन्म भूमि की मुक्ति और बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की रक्षा को समर्पित एक मिनट का गीता पाठ करने का आह्वान किया था। श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया कि पूर्व निर्धारित समय पर एक मिनट का गीता पाठ भारत के अलावा विदेशों में किया गया। 

सामूहिक गीता पाठ का आयोजन चिंतामणि कुंज वृंदावन में हुआ। जहां कृष्ण है, वहीं पर विजय है के श्लोक का उच्चारण किया गया। इसका मतलब साफ है कि हम सबके साथ भगवान श्री कृष्ण हैं। वह हमारे आराध्य हैं। बृजवासियों के पूर्वज है। उनकी जन्म स्थली (मूल गर्भ गृह) पर कब्जा कर लिया गया। उस स्थान को मुक्त कराने को कानूनी तौर पर संघर्ष जारी है। एक दिन हमको विजय मिलेगी क्योंकि हमारे साथ कृष्ण है। यह श्लोक भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि को मुक्त कराने के लिए समर्पित था। वहीं बांग्लादेश में बहुसंख्यक आतातायी हमारे हिन्दू भाईयों यातनाएं दे रहें है। मठ मंदिर तहस नहस किए जा रहे हैं। घरों में लूटपाट की जा रही है। उन आताताइयों से हिंदुओं की रक्षा करने के लिए समर्पित गीता का पाठ किया गया। 

उन्होंने बताया कि पिछले महीने 27 नवंबर को केशवधाम वृंदावन में हुई अंतरराष्ट्रीय धर्म संसद में जाति तोड़ो और समाज जोड़ो का जो नारा बुलंद किया गया था। गीता का यह पाठ आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। आज देश भर में संतों ने गीता का पाठ कराया, जबकि विदेश में न्यास के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भी अपने अपने क्षेत्र में  पूर्व निर्धारित समय पर गीता का पाठ कराया कराया।
- Legend News


 

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