नई दिल्ली। रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने भारतीय सेना और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. साथ ही सरकार ने 22 इंटरसेप्टर बोट की खरीद को भी मंजूरी दी है.

दुश्मन पाकिस्तान और चालाक चीन की चालों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह से तैयारी के मोड में है. इसके लिए भारत अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए डीएसी ने भारतीय सेना और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए कैपिटल एक्विजिशन प्रपोजल को मंजूरी दे दी है.

रक्षा खरीद परिषद ने सेना की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए यह फैसला लिया है. भारतीय सेना के बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों के लिए उन्नत भूमि नेविगेशन सिस्टम की जरूरत के आधार पर खरीद को मंजूरी दी गई है. इस नेविगेशन सिस्टम के लगने से सेना रात के अंधेरे की परवाह किए बिना युद्ध के मैदान में अपना ऑपरेशन जारी रख सकती है.

बख्तरबंद लड़ाकू वाहन की जरूरत क्यों है?
बख्तरबंद लड़ाकू वाहन अपनी मारक क्षमता, चपलता, प्रहारक शक्ति, सुरक्षा और मारक क्षमता के कारण किसी भी युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.ये आक्रामक कार्रवाई के साथ-साथ नजदीकी लक्ष्यों पर तेज, शक्तिशाली हमले करने में सक्षम हैं. उन्नत भूमि नेविगेशन सिस्टम लगने से इनका इस्तेमाल युद्ध के मैदान में दिन और रात के ऑपरेशन में किया जा सकता है.जरूरत पड़ने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से पहुंचा जा सकता है.

22 इंटरसेप्टर बोट की खरीद को भी मंजूरी
साथ ही सरकार ने 22 इंटरसेप्टर बोट की खरीद को भी मंजूरी दी है. इन बोट का इस्तेमाल निगरानी, ​​चिकित्सा सहायता, शोध और बचाव कार्यों में किया जाएगा. यह उपकरण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित श्रेणी के तहत खरीदे जाएंगे.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. भारतीय सेना को और मजबूत बनाने की दिशा में सरकार ने यह कदम उठाया है.
- Legend News

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