सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर दिल्ली और भारत सरकार से जवाब मांगा है।
केंद्र और दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोचिंग सेंटर छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। अदालत ने ये ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे को लेकर ये टिप्पणी की है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कहा कि कोचिंग सेंटर देश के अलग-अलग हिस्सों से आए छात्रों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। 
मौत के चेंबर बन गए हैं कोचिंग सेंटर 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घटना एक आंख खोलने वाली घटना है। किसी भी संस्थान को सुरक्षा मानदंडों का पालन किए बिना संचालित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। "ये जगहें (कोचिंग सेंटर) मौत के चैंबर बन गए हैं। कोचिंग संस्थान ऑनलाइन काम कर सकते हैं जब तक कि सुरक्षा मानदंडों और जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूरी तरह से पालन न हो। 
सीबीआई कर रही है मामले की जांच
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ओल्ड राजेंद्र नगर में ‘राव आईएएस स्टडी सर्कल’ की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो। इस घटना मारे गए सिविल सेवा अभ्यर्थियों की पहचान उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) के रूप में हुई थी।   
-Legend News

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