रिपोर्ट : LegendNews
संस्कृति स्थापना दिवस 2024: डॉ. सचिन ने कहा, छात्रों के लिए हर साधन जुटा रहा है संस्कृति विवि
मथुरा। संस्कृति विश्विद्यालय के आठवें स्थापना दिवस का शुभारंभ करते हुए विवि के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार दिलाने और उन्हें एक अच्छा और सफल उद्यमी बनाने की दिशा में संस्कृति विश्विद्यालय द्वारा लगातार नए कदम उठाए जा रहे हैं।
डॉ. सचिन ने विद्यार्थियों से कहा कि आपके माता पिता कितने खुश होंगे जब उनको आपके नाम से और काम से जाना जाएगा लेकिन ऐसा तभी होगा जब आप मस्ती करते समय मस्ती के प्रति, खेलते समय खेल के प्रति और पढ़ते समय पढ़ने के प्रति गंभीर होंगे। विश्विध्यालय इन तीनों क्षेत्रों में आपके लिए उच्च कोटि के साधन जुटा रहा है और जुटाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। आज आपको प्रशिक्षित करने के लिए इन्फोसिस, आईबीएम जैसी कंपनियां आ रही हैं। विवि में स्थापित इंक्यूबेशन सेंटर शीघ्र ही और समृद्ध होने जा रहा है जहां से आप उद्यमी बनने के लिए आर्थिक सहयोग भी ले सकते हैं। आपके आइडिया से कई स्टार्टअप चल रहे हैं और शीघ्र ही दो दर्जन से अधिक नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। खेलों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मैदान हैं। मनोरंजन के लिए उम्दा वार्षिक आयोजन होते हैं। विवि का लगातार प्रयास है की जब आप अपने कोर्स पूरे करें तब आपके पास कम से कम 15,20 कंपनियों से जाब का ऑफर हो। उन्होंने कहा आपको आपका लक्ष्य प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर बने रहेंगे। कुलाधिपति ने अपने उद्बोधन में जीवन में अनुशासन के महत्व के बारे में भी विद्यार्थियों को विस्तार से समझाया।
कुलपति प्रो. बीएम चेट्टी ने भावुक होते हुए कहा कि मैं डा. सचिनजी के माता पिता का अभिनंदन करता हूं जिन्होंने देश के यंगेस्ट कुलाधिपति के रूप में हम सबको दिशा दिखाने व्यक्तित्व मिला जो निरंतर हम सबके नवोन्मेष के लिए सोचता है। प्रो. चेट्टी ने कहा संस्कृति विश्विद्यालय निरंतर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं कि एक दिन विश्व के चुनिंदा विश्विध्यालयों में इसका नाम दर्ज होगा।
संस्कृति सेंटर ऑफ एप्लाइड पॉलिटिकल साइंस के निदेशक डॉ. रजनीश ने अपने स्वागत भाषण के दौरान छोटी छोटी कहानियां सुनाकर विद्यार्थियों और विवि प्रशासन के बीच सामंजस्य बैठाने टिप्स दिए।
स्थापना दिवस का शुभारंभ मंत्रोच्चार और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मोजूद संस्कृति विश्विद्यालय के कुलाधिपति डा.सचिन गुप्ता, सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो बीएम चेट्टी, डा रजनीश त्यागी ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. रीना रानी एवं ज्योति यादव ने किया।
संस्कृति के विशाल मंच पर शाश्वत आए और छा गए
संस्कृति विश्वविद्यालय के आठवें स्थापना समारोह में विवि के मुख्य मैदान के विशाल मंच पर जवां दिलों की धड़कन बालीवुड के प्ले बैक सिंगर शाश्वत सिंह ने अपने गीतों का जमकर जादू बिखेरा। स्थापना दिवस के मुख्य आकर्षण के रूप में मौजूद इस युवा बालीवुड स्टार गायक ने अपनी ताजगी से भरी आवाज के साथ एक से बढ़कर एक गीतों की झड़ी लगा दी। छात्र और छात्राएं उनके लरजते और खनकते सुरों पर देर रात तक अपने ठुमकों से साथ देते रहे।
यूं तो शाश्वत सिंह बालीवुड सिंगर में अब नया नाम नहीं है पर अधिकांश श्रोता उन्हें एआर रहमान के 99 सांग्स में जय की आवाज के रूप में पहचानते हैं। संस्कृति विवि के मंच पर आते ही छात्र-छात्राओं ने जबर्दस्त किलकारियों और तालियों के साथ उनका स्वागत किया। अत्याधुनिक म्युजिक सिस्टम से निकल रही दिल और दिमाग को झंकृत कर देने वाले संगीत के साथ शाश्वत ने अपने मौलिक अंदाज में लोकप्रिय गीतों के साथ शुरूआत की। हजारों विद्यार्थियों के इस श्रोता समूह को देखकर शाश्वत के अंदर भी एक ऐसा जोश भरा कि उन्होंने संस्कृति विवि स्थापना दिवस की इस शाम को यादगार बना दिया।
शाश्वत ने, मुझको इतना बताए कोई, गीत से शुरूआत की। अपना एक नया गाना, एक लड़की थी दीवानी सी, किशोर कुमार के गाए लोकप्रिय गीत एक लड़की भोली भाली सी, तर्ज पर सुनाकर विद्यार्थियों में सुरूर भर दिया। शाश्वत भी थोड़ी देर में समझ गए कि छात्र, छात्राएं लंबे गीत सुनने के मूड में नहीं है तो उन्होंने ढेर सारे गीतों के मुखड़ों को एक लड़ी में पिरोकर हर तरह के गीत गाए और छात्र, छात्राओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। तुझको हुआ यकीं, लुक छुप न जाओ जी, यही उमर है कर ले गलती से मिस्टेक, मन मस्त, मस्त, तू मेरा कोई न होके भी कुछ लागे, ऐ कबीरा मान जा, लकी अली का गाया, शाम सवेरे तेरी याद आती है, इक पल का जीना, इश्क में दिल बना है, मिटा दे या बना दे मैंने तुझको चुना है जैसे गीत गाकर खूब तालियां बटोरी। शाश्वत ने रॉक, राजिस्थानी, पंजाबी हिट गीतों को सुनकर श्रोताओं का दिल जीत लिया।
शाश्वत सिंह के पांच स्वतंत्र सिंगल्स जिसमें इलेक्ट्रो-पॉप ट्रैक " यूं क्यूं " और चंचल ध्वनिक सिंगल " मवाली दिल " शामिल हैं। साथ ही " वाट वाट वाट " और " रूबी रूबी " जैसे प्लेबैक हिट्स के साथ, सिंह ने पिछले दशक में ब्रेकआउट पावरहाउस गायक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यही पहचान छात्र-छात्राओं की डिमांड का कारण बन रही थी। वैसे उन्होंने शो मी द ठुमका, अभी न जाओ छोड़कर, अगर तुम साथ हो गीत सुनाकर युवा दिलों पर जमकर अपना जादू बिखेरा।लगातार हो रही डिमांड पर शाश्वत गीत गाते चले गए और रात का अंधेरा कब घिर गया लोगों को पता ही नहीं चला। अंत में उन्हें विश्विद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए सांस्कृति कार्यक्रम
संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। छात्रा अलीशा, संजना, सोनी, प्रिया, वैष्णवी, धनंजय, अनुपम, हर्ष ने अपने भावपूर्ण नृत्य से गणेशजी को प्रसन्न किया। कार्यक्रमों को इस तरह से संजोया गया था जिससे देश के हर प्रांत की झलक मिल सके। छात्रा सुमिति, स्नेहा, सान्या, पायल, ए.तनु, आध्या, जागृति, काजल ने राजस्थानी लोक गीतों के मिश्रण पर नृत्य प्रस्तुत कर मंच पर राजस्थान को जीवंत किया। इसी प्रकार छात्रा चिंकी, ईशा, छात्र करन, सोनेश, अजीत, वंदनी, इशिता, आरती, शिवानी, काजल, आस्था ने गुजराती लोकगीतों पर जबर्दस्त नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा गुनगुन, रिया, प्रिया, अवंतिका, काजल, वृंदा, कनिका ने हरियाणी लोकगीत पर नृत्य प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। खुशी, अनुष्का, विष्णु, रौनक, रिजवान, सुमित, लक्ष्य, सूरज, कीर्ति, यतिका और दीक्षा ने पंजाबी गीतों पर जमकर ठुमके लगाए और खूब धमाल किया। दक्षिण के शास्त्रीय नृत्य रूपा, रचना, नाव्या, परासौना, मेघ्ना और हरिप्रिया ने बड़े ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किए।
नृत्य और संगीत की इस श्रंखला के मध्य संस्कृति दिव्यांग स्कूल के बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सभी दर्शकों को हतप्रभ कर दिया। उनकी बालसुलभ प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इन सभी बच्चों को जब पुरुस्कार प्रदान किए गए तो इनकी खुशी देखते ही बनती थी। सांस्कृति प्रस्तुतियों का यह सिलसिला लगातार चल रहा था। छात्र कैफ और उनके साथियों निशा, अनु, गुंजन और दिव्या ने सालसा नृत्य प्रस्तु किया। अनुराधा और उनके साथियों ने बैली डांस प्रस्तुत कर माहौल को रूमानी बना दिया। राखी और उनके साथियों ने पाश्चात्य शैली में नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा जी.लिखिता ने भरत नाट्यम तो राबर्टसन और उसके साथियों ने समूह नृत्य प्रस्तुत कर सबकी तालियां बटोरीं। मोहित और उसके साथियों ने दक्षिण भारतीय शैली में आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। संस्कृति फैशन डिजाइनिंग स्कूल के द्वारा प्रस्तुत शो में 20 छात्र-छात्राओं ने रैंप वाल्क कर आकर्षक परिधानों का प्रदर्शन किया जिसको सभी के द्वारा खूब सराहा गया।
कार्यक्रम का संचालन संस्कृति प्लेसमेंट एंड ट्रेनिंग सेल की ज्योति यादव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मो.फहीम अख्तर, डा. दुर्गेश वाधवा, कु.देविका, प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।
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