भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि रूस और यूक्रेन को बातचीत के जरिए संघर्ष को खत्म करना चाहिए और इसके लिए भारत दोनों देशों को हर मुमकिन सलाह देने को तैयार है। जयशंकर ने ये कमेंट ऐसे समय किया है जब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए रूस में हैं। दावा किया जा रहा है कि डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रस्तावित एक पीस प्लान (शांति प्रस्ताव) के साथ मॉस्को गए हैं। इस प्लान को वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साझा करेंगे। 
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री जयशंकर ने बर्लिन में जर्मन विदेश कार्यालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में बोलते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध पर कमेंट किया। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं लगता कि यह युद्ध के मैदान पर कोई हल निकलने वाला है। बातचीत से ही चीजें ठीक होंगी और जब कोई बातचीत होती है तो मुख्य पक्षों यानी रूस और यूक्रेन को भी उसमें शामिल होना होगा।' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के रूस और यूक्रेन की यात्रा का हवाला दिया और और उनके उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह 'युद्ध का युग' नहीं है। जयशंकर ने कहा कि ये साफ है कि युद्ध के मैदान से कोई समाधान मिलेगा। ये कैसे खत्म होगा, अगर आप सलाह चाहते हैं, तो हम हमेशा सलाह देने को तैयार हैं।' 
मॉस्को में हैं भारत के एनएसए
रूस और यूक्रेन की भारत के शांति प्रस्ताव पर क्या समझ है, ये अभी साफ नहीं है। हालांकि भारत ने स्पष्ट तौर पर संघर्ष को समाप्त करने में मदद की पेशकश की है।अजीत डोभाल ब्रिक्स के एनएसए सम्मेलन के लिए रूस में हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन मुद्दे को सुलझाने पर जोर दिया है।अजीत डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन में बहुपक्षवाद कहा कि मौजूदा संरचनाएं आधुनिक खतरों और साझा चिंताओं के संवेदनशील मुद्दों से निपटने में कमजोर साबित हो रही हैं। ऐसे में अगर हमें विश्वसनीयता बहाल करनी है तो बहुपक्षवाद में सुधार करना होगा। 
पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से कहा था कि भारत शांति बहाल करने के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है और संघर्ष समाप्त करने में हर तरह का योगदान दिया जाएगा। नरेंद्र मोदी उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पुतिन और जेलेंस्की से कुछ हफ्ते के भीतर मुलाकात की है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कहा था कि भारत उन तीन देशों में शामिल है जिनसे वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर लगातार संपर्क में हैं और कहा कि वे इसे सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।
-Legend News

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