भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती की है. आरबीआई ने इसमें 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. इसके बाद अब मौजूदा रेपो रेट 6.25 फ़ीसदी हो गया है. पहले यह दर 6.50 फ़ीसदी थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ यह जानकारी आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दी. उन्होंने कहा कि नई फ़सल के आने के बाद महंगाई के कम होने का अनुमान है.
भारतीय रिज़र्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.8 फ़ीसदी रहेगी. आगे इसमें और कमी आ सकती है. 
4.2 फीसदी रहेगा खुदरा महंगाई दर 
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4.2 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य रखा गया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, जब से महंगाई दर का टोलरेंस बैंड फिक्स किया गया है औसत महंगाई दर लक्ष्य के मुताबिक रहा है. खुदरा महंगाई दर ज्यादातर समय कम रहा है. केवल कुछ मौकों पर ही खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के ऊपर रहा है.
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में इस कटौती के बाद होम लोन की ईएमआई कम हो सकती है. 
RBI के इस फैसले से बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले मई 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगा था जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था. यानी 5 सालों के बाद आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है. 
25 लाख, 50 लाख या 1 करोड़ के होमलोन पर अब कितना देना होगा EMI!
मान लिजिए किसी ने 25 लाख का होमलोन लिया तो उसे 8.75 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 22,093 रुपये ईएमआई चुकाना पड़ रहा था. लेकिन रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की कटौती होने के बाद ब्याज दर घटकर 8.50 फीसदी पर आ जाएगा और अब  ईएमआई के तौर पर 21,696 रुपये चुकाने होंगे. यानी 403 रुपये की हर महीने बचत. जबकि एक साल में ईएमआई के मद में 4836 रुपये बचेंगे. 
50 लाख के होमलोन पर कितनी बचत!
अगर किसी ने 50 लाख रुपये का होमलोन 9 फीसदी के दर से 20 सालों के लिए लिया हुआ है तो अभी 44,986 रुपये ईएमआई चुकाना पड़ रहा था. ब्याज दरों में एक चौथाई फीसदी की कटौती के बाद होमलोन का ब्याज दर घटकर 8.75 फीसदी पर आ जाएगा और 44,186 रुपये ईएमआई चुकाना होगा. यानी हर महीने 800 रुपये और एक साल में 9600 रुपये की बचत. 
1 करोड़ के होमलोन पर कितनी होगी सेविंग ? 
मान लिजिए किसी होमलोन ग्राहकों ने 1 करोड़ रुपये का होमलोन 8.75 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 20 सालों के लिए लिया है तो उसे 88,371 रुपये ईएमआई का भुगतान करना पड़ रहा था. लेकिन ब्याज दरों में कटौती के बाद होमलोन पर 8.50 फीसदी ब्याज दर घटकर हो जाएगा और 86,782 रुपये ईएमआई का भुगतान करना होगा. यानी हर महीने 1589 रुपये और सालाना 19068 रुपये की अब बचत होगी. 
5 सालों में पहली बार कर्ज हुआ सस्ता 
दिसंबर 2024 में आरबीआई गवर्नर का पदभार संभालने वाले संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुआ पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक तीन दिनों तक चली. संजय मल्होत्रा ने एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट घटाने का एलान किया. रेपो रेट अब 6.25 फीसदी हो गया है. आरबीआई के इस फैसले के साथ बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो गया है और उम्मीद की जा रही है कि इसका फायदा जल्द ही बैंक नए कर्ज लेने वाले ग्राहकों से लेकर पुराने कस्टमर्स तक पहुंचायेंगे. RBI ने  Marginal Standing Facility को भी 6.75 से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया है. इससे बैंकों को जरूरी होने पर RBI से लोन लेने में भी राहत मिलेगी. 
2025-26 में 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. जबकि पहले 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. वित्त वर्ष 2025-26 में आरबीआई ने 6.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे. साथ ही सभी इकोनॉमी के स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसलटेशन का दौर जारी रहेगा. संजय मल्होत्रा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं.  भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है लेकिन वैश्विक हालात का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है.  
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डिजिटल फ्रॉड का बढ़ना चिंता का विषय है. आरबीआई डिजिटल सिक्योरिटी बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है. 
-Legend News

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