वृन्दावन। धर्म नगरी वृन्दावन धाम में सोमवार के दिन राधावल्लभ लाल का पाटोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राधावल्लभ लाल के पाटोत्सव को वृन्दावन प्राकट्य उत्सव के रूप में मनाया गया। तीन दिन से चल रहे धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों में दूर-दराज से आए कलाकारों ने बढ-चढ़कर भाग लिया एवं मंत्रमुग्ध करने वाली मनमोहक प्रस्तुतियाँ देकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया। राधावल्लभ मंदिर के तिलकायत अधिकारी मोहित मराल गोस्वामी महाराज ने बताया कि कार्तिक सुधि तेरस के दिन वंशी अवतार हरिवंश चन्द्र महाप्रभु अपने लाड़ले आराध्य राधावल्लभ लाल को लेकर वृन्दावन धाम आए थे और मदनटेर पर सर्वप्रथम राधावल्लभ लाल को लता-पताओं में विराजमान कर वृन्दावन धाम की पुनर्स्थापना की थी, इसलिए राधावल्लभ के पाटोत्सव को वृन्दावन प्राकट्य उत्सव के रूप में सैकड़ों वर्षों से निरंतर मनाया जा रहा है और जो रसधारा हरिवंश महाप्रभु ने राधावल्लभ लाल को वृंदावन में विराजमान कर पुन: शुरू की थी, वो रसधारा भी निरंतर बह रही है।

मदनटेर पर सुबह समाज गायन कर बड़ा रासमण्डल के लिए चाव सवारी निकाली गई, चाव सवारी में हजारों भक्तों ने बढ-चढ़कर भाग लिया एवं गाजे-बाजे की धुन पर भक्तों ने नृत्य किया। मदनटेर से निकली चाव सवारी में अपने-आप में अद्भुत रही, जो भक्तों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बनीं। इस वर्ष चाव सवारी में तरह-तरह की झांकियां निकाली गई, जिसमें ऊंट व कलाकारों ने तरह-तरह के करतब दिखाए। इस मौके पर तिलकायत अधिकारी मोहित मराल गोस्वामी महाराज, युवराज शोभित लाल गोस्वामी, श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज, गोविन्द गोस्वामी, उदित गोस्वामी, दिनेश सिंह तरकर सहित हजारों की संख्या में भक्तों ने बढ-चढ़कर भाग लिया।
- Legend News

मिलती जुलती खबरें

Recent Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your Phone will not be published. Required fields are marked (*).