प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को जलियांवाला बाग की शहादत याद दिलाई है। उन्होंने मासूम लोगों के बलिदान को स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम मोड़ भी बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बैसाखी के दिन दो पोस्ट की। पहले में बैसाखी की शुभकामनाएं दीं तो दूसरे में भारतीय इतिहास के काले अध्याय को याद दिलाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- हम जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। आने वाली पीढ़ियां उनके अदम्य साहस को हमेशा याद रखेंगी। यह वास्तव में हमारे देश के इतिहास का एक काला अध्याय था। उनका बलिदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया।
अमित शाह ने कहा, जलियांवाला बाग कांड अंग्रेजी हुकूमत की अमानवीयता की पराकाष्ठा
पीएम मोदी से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक्स पोस्ट में उस नरसंहार को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का काला अध्याय बताया। उन्होंने इसे अंग्रेजी हुकूमत की अमानवीयता की पराकाष्ठा बताया। 
जलियांवाला बाग में उस दिन अंग्रेजों के दमनकारी कानून ‘रॉलेट एक्ट’ के खिलाफ शांतिपूर्ण सभा का किया गया था आयोजन 
बता दें कि बैसाखी के दिन ही 1919 में अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में अंग्रेज अफसर ने क्रूरता की हद पार करते हुए निहत्थे और मासूम लोगों पर गोलियां चलाने का हुक्म दिया। चूंकि उस दिन बैसाखी थी तो बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मेले में शामिल होने आए थे। इस अमानवीय घटना में सैकड़ों की जान गई जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। जलियांवाला बाग में उस दिन अंग्रेजों के दमनकारी कानून ‘रॉलेट एक्ट’ के खिलाफ शांतिपूर्ण सभा का भी आयोजन किया गया था। अंग्रेजों ने शहर में कर्फ्यू का ऐलान किया था, इसके बावजूद हजारों की संख्या में लोग जनसभा में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे।
सभा में इतनी बड़ी संख्या में भीड़ देखकर अंग्रेज अफसर बौखला गए और भीड़ को संभालने पहुंचे जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने 90 सिपाहियों को गोली चलाने का आदेश दे दिया और बिना किसी चेतावनी के भीड़ पर गोलियां दाग दी गईं। 
सीएम योगी ने शहीदों को किया नमन 
जलियांवाला बाग नरसंहार को याद करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। योगी आदित्यनाथ ने उस स्थान को पवित्र तीर्थ बताया है। 
प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर सपूतों को नमन करते हुए उन्होंने आगे कहा, “जलियांवाला बाग में शहीद हुए बलिदानियों को नमन करता हूं। देश अमर बलिदानियों को सदा अपनी स्मृतियों में संजोए रखेगा।” योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने वीर सपूतों को नमन करते हुए लिखा- जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन! जलियांवाला बाग सभी देशभक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ है, जहां मातृभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत की बर्बरता का प्रतिकार करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। 
उन्होंने शहादत को प्रेरणास्पद बताते हुए आगे कहा- जलियांवाला बाग के अमर क्रांतिकारियों का बलिदान राष्ट्र के स्वाभिमान और स्वतंत्रता की अमर गाथा है, जो सदैव प्रेरणा देती रहेगी। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने बैसाखी के मौके पर आयोजित समारोह में निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं।
इस हृदय विदारक घटना में अनगिनत लोगों की जान गई, इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे
इस हृदय विदारक घटना में अनगिनत लोगों की जान गई, इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। कई लोग कुचल गए और संकरे रास्ते के कारण बाहर निकल नहीं पाए थे। डर की वजह से कई महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ बाग में मौजूद एक कुएं में छलांग लगा दी थी। ये सभी यहां ब्रिटिश हुकूमत के रॉलेट एक्ट के विरोध में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे। इस एक्ट के तहत किसी भी भारतीय को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा सकता था। 
-Legend News

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