उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब यात्रा की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को यात्रियों के लिए खुल जाएंगे। भारतीय सेना के जवान बर्फ से ढके यात्रा मार्ग को साफ कर रहे हैं। कठिन परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद, सैनिक अथक मेहनत कर रहे हैं ताकि तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। यह कार्य उनकी शारीरिक दृढ़ता और श्रद्धालुओं के प्रति निष्ठा को दर्शाता है।
भारतीय सेना न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा करने में दिन-रात तत्पर है, बल्कि देश के नागरिकों के कल्याण और उनकी धार्मिक यात्राओं को सुचारु रूप से संपन्न कराने में भी अहम भूमिका निभा रही है। हर साल हजारों श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचते हैं, जहां आध्यात्मिक शांति और विश्वास का अनुभव करते हैं। सेना का यह प्रयास यात्रा को सफल बनाने में अहम है। हेमकुंड साहिब भारत के उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक तीर्थ स्थल है। श्री हेमकुंड साहिब 15 हजार 200 फीट ऊंचाई पर स्थित है, यहां पर हर समय बर्फ जमी रहती है।
जानकारी के अनुसार हाल ही में गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के प्रमुख ने बताया था कि गोविंदधाम से श्री हेमकुंड साहिब तक के ट्रैक मार्ग पर 6 से 7 फीट बर्फ पड़ी हुई है।
वहीं, उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। इस यात्रा के शुरू होने से पहले ही लाखों यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। जानकारी के अनुसार चारधाम यात्रा के लिए अब तक 19 लाख से अधिक यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के लिए 3-3 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, जबकि केदारनाथ के लिए सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन हुआ है।
इसके अलावा केदारनाथ के लिए अब तक लगभग 6 लाख 48 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन किया है। बदरीनाथ धाम के लिए 5 लाख 74 हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है। इतना ही नहीं, हेमकुंड साहिब जाने के लिए भी 32 हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है। 
-Legend News

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