रिपोर्ट : LegendNews
ब्रिटेन के पूर्व आर्मी चीफ सर पैट्रिक की भविष्यवाणी: तीसरा विश्वयुद्ध बस शुरू होने वाला है... चीन बनेगा कारण
चीन की आक्रामकता ने पहले ही अमीर देशों के कान खड़े कर रखे हैं. उन्हें पल-पल तीसरे विश्वयुद्ध का डर सता रहा है. खौफ इतना ज्यादा है कि अमेरिकी और यूरोपीय देश हथियार तथा गोला-बारूद जमा कर रहे हैं. सैनिकों की भर्ती कर रहे हैं. एयरवार, एटमी अटैक से निपटने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस बीच ब्रिटेन के पूर्व आर्मी चीफ ने ऐसी भविष्यवाणी की है, जो पूरी दुनिया को डराने वाली है. जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स ने कहा, नाटो और यूरोपीय देशों को हथियार उठा लेना चाहिए क्योंकि तीसरा विश्वयुद्ध बस शुरू होने वाला है. रूस और ईरान के साथ मिलकर चीन अटैक करने की योजना बना रहा है. हम सतर्क नहीं रहे, तो हार तय है.
जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स के अनुसार रूस, चीन और ईरान का ‘नेक्सस’ 1939 में नाजियों से भी अधिक बड़ा खतरा बन रहे हैं. वे पहले से ज्यादा मजबूत और एकजुट हैं. द टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, रूस युद्ध में हमसे नहीं जीत सकता, लेकिन ब्रिटेन और उसके सहयोगी अगर हथियार नहीं उठाए, कमियों को दूर नहीं किया तो यह खतरा बढ़ता ही जाएगा. वह उसी तरह अटैक करने में सक्षम है, जैसा उसने यूक्रेन पर किया इसलिए हमें अपनी सेनाओं को ताकतवर बनाना होगा. लोगों को भी हथियार चलाने की ट्रेनिंग देनी होगी. ब्रिटेन की सेनाएं युद्ध के लिए पर्याप्त शक्तिशाली नहीं हैं.
हथियार उठाना और उसे चलाना सीखना होगा
सर पैट्रिक सैंडर्स ने कहा, हमारे पास इतनी ताकत नहीं कि हमने जिस तरह इराक पर 2003 में अटैक किया, उस तरह का हमला कहीं और कर सकें. फ़ॉकलैंड आइलैंड को हमने 1982 में कब्जे में लिया लेकिन अब हमारे पास उस तरह का टास्क फोर्स नहीं है. इससे पहले रक्षा मंत्रालय के भी एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी थी कि ब्रिटेन पर अगर अटैक किया गया तो वह लड़ने और जीतने के लिए तैयार नहीं है. सैंडर्स ने तो इसे बेहद गंभीर स्थिति माना. उन्होंने कहा, यह बहुत लंबे वक्त तक नहीं चलने वाला. हमें हथियार उठाना और उसे चलाना सीखना होगा. हमें अटैक का जवाब देना सीखना होगा.
हर जगह युद्ध के पीछे सिर्फ चीन
ब्रिटेन के पूर्व आर्मी चीफ ने संकेत दिया कि दुनिया में जहां भी युद्ध हो रहा है, उसके पीछे चीन, रूस और ईरान ही हैं. चाहे इजरायल-हमास का मामला हो या फिर यूक्रेन का. मध्य पूर्व का मामला हो या फिर दक्षिण एशिया में अशांति. हर जगह चीन दादागिरी दिखा रहा है और बार-बार पश्चिमी देशों को युद्ध के लिए उकसा रहा है. वह उत्तर कोरिया को भी बढ़ावा दे रहा है और ईरान को भी. रूस के साथ उसके संबंध बेहद खतरनाक स्तर तक हैं. उधर, रूस की आक्रामकता कभी भी युद्ध में बदल सकती है. यूक्रेन पर आसमान से इतने हमले हो रहे हैं कि वह अपनी रक्षा नहीं कर पा रहा है. आखिर हम कब तक हथियार देकर उसे बचाते रहेंगे.
350,000 सैनिकों की भर्ती करनी होगी
इस बीच नाटो ने सैनिकों की संख्या बढ़ाने और एयर डिफेंस सिस्टम की मांग की है. नाटो का कहना है कि अगर उसे जंग जीतनी है तो 35-50 ब्रिगेड सेना और चाहिए. एक ब्रिगेड में 3,000 से 7,000 सैनिक हो सकते हैं. इसलिए अतिरिक्त 35-50 ब्रिगेड बनाने का मतलब है कि 350,000 सैनिकों की भर्ती करनी होगी. शीत युद्ध के बाद नाटो देशों ने एंटी एयरक्रॉफ्ट डिफेंस सिस्टम कम कर दिए थे क्योंकि उन्हें खतरा नहीं लग रहा था. लेकिन मौजूदा हालात में हमें और भी मिसाइलें और एंटी एयरक्रॉफ्ट डिफेंस सिस्टम तैनात करना होगा. गोला-बारूद का भंडार जमा करना होगा.
-Legend News
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