रिपोर्ट : LegendNews
प्रधानमंत्री मोदी ने दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऐतिहासिक दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों का साहस, बलिदान और सत्य एवं अहिंसा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने एक्स पर कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में दांडी मार्च ने आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन को प्रज्वलित किया।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- “आज हम ऐतिहासिक दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम का निर्णायक अध्याय है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस मार्च ने आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन को प्रज्वलित किया। दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों का साहस, बलिदान तथा सत्य और अहिंसा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
दांडी मार्च, जिसे नमक मार्च और दांडी सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दांडी मार्च सबसे प्रभावशाली प्रतीकात्मक आन्दोलन रहा है। दांडी यात्रा के बाद से ब्रिटिश हुकूमत की औपनिवेशिक सत्ता दबाव में आने लगी थी। इस आन्दोलन के माध्यम से महात्मा गाँधी ने दुनिया को सत्य और अहिंसा की ताकत का परिचय कराया था। इसे 12 मार्च, 1930 से 6 अप्रैल,1930 तक नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चलाया गया था।
साबरमती आश्रम से दांडी मार्च प्रारंभ हुआ। दांडी यात्रा के दौरान यह तय किया गया कि नमक कानून पर ही लोग अपनी शक्ति केंद्रित रखें और साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि गांधी जी के दांडी पंहुचकर नमक तोड़ने से पहले सविनय अवज्ञा शुरू नहीं की जाएगी। गांधी जी की अनुमति से सत्याग्रहियों के लिए एक प्रतिज्ञा पत्र बनाया गया। इस पत्र की शर्तों में शामिल था कि मैं जेल जाने को तैयार हूं और इस आंदोलन में और जो भी कष्ट और सजाएं मझे दी जाएंगी, उन्हें में सहर्ष सहन करूंगा।
गांधीजी ने 12 मार्च को साबरमती से अरब सागर (दांडी के तटीय शहर तक) तक 78 अनुयायियों के साथ 241 मील की यात्रा की, इस यात्रा का उद्देश्य गांधी और उनके समर्थकों द्वारा समुद्र के जल से नमक बनाकर ब्रिटिश नीति की उल्लंघन करना था। उनके भाषणों ने लोगों में अंग्रेजों के जुल्म के विरूद्ध माहौल पैदा कर दिया था। 6 अप्रैल को दांडी तट पर नमक हाथ में लेकर गांधीजी ने नमक कानून तोड़ा था।
-Legend News
Recent Comments
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 10:56:11
Sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 10:56:46
Sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 10:57:45
Sury kirnat kiti rang ahe uttar sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 10:58:21
Sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 10:59:05
Sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 11:00:00
Sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 11:00:40
Ok
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 11:01:18
Sury kirnat sat rang ahe
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 11:01:56
Ok
Surendra चतुर्वेदी
2025-03-12 11:02:45
Sury kirnat sat rang ahe