वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्विट्जरलैंड के प्रमुख बिजनेस लीडर्स के साथ दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के रोमांचक अवसरों, साझेदारियों और नए रास्तों पर चर्चा की। गोयल ने सोमवार को स्विट्जरलैंड की अपनी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू की है। इस यात्रा के दौरान वह व्यापार संबंधों को और मजबूत करने के लिए स्वीडन भी जाएंगे। वह 13 जून तक स्विट्जरलैंड और स्वीडन की यात्रा रहेंगे। यह यात्रा भारत और उसके यूरोपीय साझेदारों के बीच कार्यनीतिक प्राथमिकताओं के गहन संबंधों को दर्शाती है। इसका उद्देश्य उच्च स्तरीय प्रतिबद्धताओं को ऐसे स्थायी आर्थिक साझेदारियों में बदलना है, जो नवाचार, लचीलेपन और साझा विकास को बढ़ावा दे।
आज मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय कारोबारी प्रतिनिधियों के साथ उनकी शाम दिलचस्प रही। कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए पीयूष गोयल ने लिखा,  भारत और स्विट्जरलैंड के बीच व्यापार और निवेश के रोमांचक अवसरों, साझेदारियों और नए रास्तों पर गहन चर्चा की।
मंत्री पीयूष गोयल ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, आज स्विस संसद का दौरा करना और स्विस फेडरल काउंसलर, मेरे मित्र गाइ परमेलिन से मिलना एक शानदार अनुभव था। 1960 में चंडीगढ़ में अपने प्रवास के दौरान प्रसिद्ध स्विस-फ्रेंच वास्तुकार ली कॉर्बूसियर की बनाई गई ‘कॉर्टेज’ नामक कुछ कीमती ‘लिथोग्राफ पेंटिंग’ देखने का मौका मिला।
पीयूष गोयल ने हाल ही में स्थापित आईसीएआई स्विट्जरलैंड ज्यूरिख चैप्टर के अध्यक्ष और कमेटी मेंबर्स से भी मुलाकात की। वाणिज्य मंत्री ने कहा, बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) क्षेत्र में भारत की फिनटेक विशेषज्ञता और सहयोग के मौकों को बढ़ावा देने पर विस्तृत चर्चा हुई, खासतौर से इनोवेटिव स्टार्टअप इकोसिस्टम में।
पीयूष गोयल ने प्रेसिजन इंजीनियरिंग, मशीन टूल्स और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से स्विस एसएमई के सीईओ से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत के मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम पर प्रकाश डाला और सहयोग के अवसरों की खोज की, इसके साथ ही ग्लोबल मार्केट के लिए एक रीजनल हब के रूप में सेवा करने की भारत की क्षमता को रेखांकित किया।
क्षेत्रीय बैठकों की एक सीरीज में, उन्होंने कई स्विस फार्मास्युटिकल और लाइफ साइंसेज कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत की, जो भारत में निवेश करने पर बारीकी से विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, उनके विजन और विकास योजनाओं पर बातचीत हुई। भारत की विकास क्षमता, इनोवेशन इकोसिस्टम और ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के लिए तारीफ सुनकर खुशी हुई।
यह यात्रा यूरोप की दो सबसे इनोवेटिव इकोनॉमी के साथ भारत के जुड़ाव को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गोयल की बैठकें दोनों देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के लीडर्स और बिजनेस एसोसिएशंस के साथ उच्च प्रभाव वाली बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन की गई हैं।
-Legend News

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