सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भले ही पाकिस्तान को भारत के साथ जंग में झोंक दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान में उनकी हैसियत और बढ़ा दी है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पाकिस्तान के सैन्य अदालतों में नागरिकों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना को आम नागरिकों को सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने का खुला अधिकार मिल गया है। यानि पाकिस्तान की आर्मी, जिसने पहले से ही देश के लोकतंत्र को कुचल रखा है, उसे और ज्यादा अधिकार मिल गये हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से असीम मुनीर और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गये हैं और इमरान खान के लिए ये बहुत बड़ा झकटा है।
पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने 7 मई को एक फैसला सुनाते हुए सैन्य अदालतों में आम नागरिकों के खिलाफ चलने वाले फैसलों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में सैन्य अदालतों में आम नागरिकों के खिलाफ चलने वाले मुकदमों को 'असंवैधानिक' बताया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद की शीर्ष अदालत की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए 9 मई 2023 को सेना विरोधी प्रदर्शनों में शामिल इमरान खान के समर्थकों के खिलाफ सैन्य मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया है। 
पाकिस्तान में असीम मुनीर हुए और शक्तिशाली
आपको बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के लाखों समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई 2023 को भयानक दंगा किया था। इस दौरान इमरान खान के समर्थकों ने सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया था और जमकर तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद पाकिस्तान की सेना ने 1000 से ज्यादा इमरान खान के समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने 2024 में बताया था कि पीटीआई ने आरोप लगाया था कि पार्टी के सैकड़ों सदस्यों को बिना किसी सबूत के जबरन उठा लिया गया। उनके खिलाफ आर्मी कोर्ट ने 2 से 4 दिनों में फैसले सुनाने शुरू कर दिए और काफी सख्त सजा दी जाने लगी। इमरान खान के कई समर्थकों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमीनुद्दीन खान की अगुवाई में सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के ही अक्टूबर 2023 के पहले के फैसले को पलट दिया है। यानि पाकिस्तान वो देश बन गया है जहां सुप्रीम कोर्ट चंद महीने पहले जो फैसला सुनाता है, वो कुछ महीनों के बाद अपने ही फैसले को पलट देता है। उस दौरान एक अन्य संवैधानिक पीठ ने सैन्य अदालत में नागरिकों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उसे असंवैधानिक करार दिया था।
-Legend News

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