नई दिल्ली। भारत में अव्वल दर्जे की पायलटों की ट्रेनिंग हो उसके लिए एक बड़ा करार हुआ. एयरो क्लब ऑफ इंडिया लिमिटेड ने शक्ति एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री से 200 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की खरीद करार किया. नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू की मौजूदगी में यह करार हुआ. इस मौके पर एयरो क्लब ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव प्रताप रूढ़ी भी मौजूद थे. शक्ति एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज ने ऑस्ट्रिया की डायमंड कंपनी से ज्वाइंट वेंचर किया है. यह दोनों मिलकर इस एयरक्राफ्ट देश में निर्माण करेंगे. इस साल 60 एयरक्राफ्ट मिलेंगे तो अगले साल 100 एयरक्राफ्ट की सप्लाइ की जाएगी. खरीदे जा रहे इन एयरक्राफ्ट के फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (FTO) लीज पर लेकर अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम को आगे बढ़ा सकेंगे. इस मौके पर राममोहन नायडू ने कहा कि खरीद एक गेमचेंजर साबित होगा और पायलट ट्रेनिंग में यह एक बड़ी भूमिका निभाएगा.

भविष्य में 30 हजार पायलटों की होगी जरूरत
भारतीय सिविल एविएशन इंडस्ट्री पिछले एक दशक में बड़ी तेजी बढ़ी है. आज के वक्त सबसे ज्यादा पेसेंजर को ढ़ोने वाले दुनिया के देशों में भारत तीसरे नंबर पर है. फिलहाल भारत में 110 मिलियन पैसेंजर ट्रैफिक है. अगले 10 साल में इसकी संख्या दोगुनी यानी 220 के करीब हो जाएगी. साल 2029 तक यह 400 मिलियन तक पहुंचने संभावना है. अगले दो दशक में देश में 200 नए एयरपोर्ट बनाए जाने का सरकार का प्लान है. नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू का कहना है कि फिलाहल भारत में 829 पैसेंजर एयरक्राफ्ट है. मौजूदा पायलटों की संख्या 6000 से 7000 के करीब है. यह मौजूदा ऑपरेशन के लिए पर्याप्त नहीं है. देश में पायलटों की कमी है. अभी 1700 एयरक्राफ्ट खरीद के ऑर्डर पेंडिंग है. एक अनुमान के तहत भविष्य में 30,000 नए पायलटों की जरूरत होगी. ऐसे में यह खरीद एक गेंमचेंर है. भारत भविष्य में पायलट ट्रेनिंग हब होगा.

हर साल 600 अतिरिक्त पायलट ट्रेनिंग की जरूरत
पूर्व सिविल एविएशन मंत्री और मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी जो कि एक पायलट भी है उन्होंने अपने पायलट ट्रेनिंग का अनुभव भी साझा किया. कैसे 1990 में बिहार के ततकालीन मुख्यमंत्री ने रूढ़ी के लिए फ्लाइंग क्लाब के दरवाजे बंद कर दिए थे? राजीव प्रताप रूढ़ी आज देश के सबसे बड़े और सबसे पुराने एयरों क्लब के चेयरमैन है. इस मौके पर राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि हमारी इंडस्ट्री बड़ी तेजी से बढ़ी है. उस हिसाब से पयालटों की ट्रेनिंग पर्याप्त नहीं. देश में DGCA से मान्यता प्राप्त 38 फ्लाइंग क्लब है. जो कि 50 अलग अलग जगह से पायलट ट्रेनिंग करा रहे है. फिलहाल देश में इन क्लब के जरिए 400 पायलटों की सालाना ट्रेनिंग कराई जा रही है. जरूरत है 600 अतिरिक्त युवाओं की ट्रेनिंग की.
- Legend News

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