महाराष्ट्र बीजेपी के नेता नितेश राणे के बयान पर सियासत गरमा सकती है। पूर्व सीएम नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने मांग की है कि मुस्लिम परिवार मोदी को नहीं चाहते. ऐसे में अगर किसी मुस्लिम परिवार में दो से ज्यादा बच्चे हैं तो उन्हें 'लाड़ली बहन योजना' से बाहर कर देना चाहिए। नितेश राणे का यह बयान ऐसे वक्त पर सामने आया है जब महाराष्ट्र में महायुति यानी एनडीए की जीत के पीछे इस योजना को अहम कारणों में एक माना जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में नितेश राणे ने कंकावली से जीत हासिल की है। 
राणे ने उठाई बदलाव की मांग
नितेश राणे ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होने के विरोध में आयोजित कए कार्यक्रम में कहा कि दो से अधिक दुर्भाग्य वाले लोगों को लाडली बहन योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए। वे चुनाव में ना मोदीजी, ना महायुती, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मुस्लिम समाज के लोग आगे हैं। राणे ने लाडली बहन योजना में बदलाव की मांग उठाई है। राणे ने कहा है कि वह इस संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे। 
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म
नितेश राणे ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उन्हें पीटा जा रहा है। पाकिस्तान में भी हिन्दू अल्पसंख्यक है, उन्हें वहां विकल्प दिया जाता है कि या तो तू इस्लाम स्वीकार कर ले या तुम्हें मार देंगे। और हमारे देश में कितना प्यार किया जाता है। इनके लिए योजना और स्कीम निकाली जाती है। सब सरकारी लाभ यही लोग लेते हैं। राणे ने कहा कि मैं जल्द मुख्यमंत्री से विनती करने वाला हूं कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना में बदलाव कीजिए। 
आदिवासी समाज को मिले छूट
राणे ने कहा कि आदिवासी समाज को छोड़कर जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें सरकारी योजना से बाहर निकाला जाए। जिनके दो बच्चे हैं उन्हें ही यह फायदा मिले, ऐसा नियम बनाया जाए। नहीं तो ये हमारी योजना का फायदा लेंगे। सरकार की सभी योजना का लाभ लेंगे और वोट के दिन कहते हैं कि हमें इस्लाम चाहिए। बाकी समय में आपका इस्लाम कहां रहता है? नितेश राणे के साथ उनके भाई नीलेश राणे भी विधानसभा का चुनाव जीते हैं। वह कुडाल से चुने गए हैं। वह शिवसेना से जीते हैं।
-Legend News

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