राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक राकेश सिन्हा ने इस आशय का धमाकेदार खुलासा किया है कि उनको टीवी डिबेट पर एंकर ने मुसलमानों की टोपी-दाढ़ी पर बोलने के लिए कहा गया। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में टीआरपी बढ़ाने के​ लिए टीवी एंकर ने मुसलमानों के खिलाफ अपशब्द बोलने के लिए कहा गया। अब यह वीडियो सामने के बाद राजनीति घमासान मच गया है। कई राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। 
राकेश सिन्हा ने किया जबरदस्त खुलासा
राज्य सभा सदस्य और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक राकेश सिन्हा ने जबरदस्त खुलासा किया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि न्यूज़ एंकर ने उनसे कहा कि आपको डिबेट के दौरान ‘मुसलमानों की दाढ़ी और टोपी’ के बारे में अपशब्द बोलने हैं। उन्होंने कहा, आप बहुत शांत रहते हैं आपको पैनलिस्ट से लड़ना है। शो हिट जाएगा। आप भी ट्रेंड करेंगे हम भी ट्रेंड करेंगे। इसके बाद सिन्हा इस चैनल पर कभी नहीं गए। 
प्रियंका चतुर्वेदी ने शेयर किया वीडियो
उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ​एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है और इसके कैप्शन में लिखा, खुशी है कि राकेश सिन्हा ने बोलने का फैसला किया! वह जो कह रहे हैं वह मीडिया का असली चेहरा है और कैसे उन्होंने अपनी टीआरपी के लिए सच्चाई की जगह नफरत को चुना है। 
गंभीर और चिंताजनक मामला
यह घटना यदि सही है तो यह बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है, क्योंकि यह न केवल पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में नफरत और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का भी प्रयास है। राकेश सिन्हा जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचारक और राज्यसभा सांसद हैं, द्वारा इस बात का खुलासा करना मीडिया के कुछ हिस्सों में टीआरपी के लिए अपनाई जा रही अनैतिक रणनीतियों को उजागर करता है।
निपटने के लिए क्या किया जाए
सख्त नियमन: मीडिया पर निगरानी रखने के लिए नियामक एजेंसियों को अधिक सक्रिय और सशक्त बनाया जाए।
पारदर्शिता: टीवी डिबेट और मीडिया रिपोर्टिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र नियामक संस्था का गठन किया जा सकता है।
प्रचार के खिलाफ कार्रवाई: ऐसे मीडिया चैनलों और एंकरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए जो जानबूझकर समाज में नफरत फैलाने का प्रयास करते हैं।
समाज का जागरूक होना: दर्शकों को भी समझना होगा कि वे टीआरपी के लिए चलाई जा रही नफरत भरी बहसों से दूर रहें और सटीक और जिम्मेदार पत्रकारिता को प्रोत्साहित करें।
-Legend News

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