रिपोर्ट : LegendNews
इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का खुलासा: राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग के साथ मिलकर अडानी के खिलाफ रची थी पूरी साजिश
नई दिल्ली। इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने खुलासा किया है कि भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के उद्योगों को करीब ढाई लाख करोड़ का नुकसान पहुंचाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक बड़ी साजिश और मिलभगत का हिस्सा थी. इस साजिश में राहुल गांधी संलिप्तता सामने आई है, इजराइली खुफिया एजेंसी ने एक गुप्त ऑपरेशन ''ऑपरेशन जेपलिन'' के जरिये यह खुलासा किया है. मोसाद ने साफ कहा है कि यह पूरी साजिश अडानी और पीएम मोदी को कमजोर करने के लिए की गई थी.
दरअसल इजरायल की खुफिया एजेंसी, मोसाद ने एक अभूतपूर्व और गुप्त कदम उठाते हुए कथित तौर पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के होम सर्वर को हैक कर लिया, जो कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के करीबी सहयोगी हैं.
स्पुतनिक इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारतीय विपक्ष और अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच किसी भी तरह के संबंध को उजागर करना था. मोसाद ने बताया कि भारत की विपक्षी पार्टी और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच रिश्ते के सबूत मिले हैं.
मोसाद ने किसका लिया नाम
इजराइली खुफिया एजेंसी ने अपने ऑपरेशन में एन्क्रिप्टेड चैटरूम और अघोषित बैकचैनल कम्यूनिकेशंस को उजागर किया. इस जांच में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और हिन्डनबर्ग रिसर्च टीम के बीच संबंध स्पष्ट रूप से सामने आए हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इसका मकसद गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर करना था. इस रिपोर्ट से शेयर बाजार को 150 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था.
मामले में क्यों कूदा मोसाद
इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने अडानी और हिंडनबर्ग मामले में तब हस्तक्षेप किया, जब अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन ने इजराइल के सबसे बड़े पोर्ट हायफा का कंट्रोल 1.2 अरब डॉलर में लेने के लिए सौदा किया. हायफा से डील के मौके पर इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और गौतम अडानी भी मौजूद थे. इस सौदे के तत्काल बाद हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर आरोप लगाए थे. इसके बाद पीएम नेतन्याहू ने मोसाद को मामले की तहकीकात करने को कहा था.
मोसाद ने शुरू किया ऑपरेशन जेपलिन
नेतन्याहू ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को भारत को कमजोर करने की साजिश मानते हुए अपनी खुफिया एजेंसी को तत्काल काम शुरू करने का निर्देश दिया. इसके बाद मोसाद ने ‘ऑपरेशन जेपलिन’ शुरू किया, जिसके तहत एजेंसी ने हिंडनबर्ग के ग्लोबल नेटवर्क की तहकीकात शुरू कर दी. मोसाद ने हिंडनबर्ग के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय और कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन पर नजर रखनी शुरू कर दी. खुफिया एजेंसी ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया और इसमें कई एक्टिविस्ट, वकील, पत्रकार, हेड फंड और जॉर्ज सोरेस की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ.
मोसाद ने शुरू किया ऑपरेशन जेपलिन
नेतन्याहू ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को भारत को कमजोर करने की साजिश मानते हुए अपनी खुफिया एजेंसी को तत्काल काम शुरू करने का निर्देश दिया. इसके बाद मोसाद ने ‘ऑपरेशन जेपलिन’ शुरू किया, जिसके तहत एजेंसी ने हिंडनबर्ग के ग्लोबल नेटवर्क की तहकीकात शुरू कर दी. मोसाद ने हिंडनबर्ग के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय और कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन पर नजर रखनी शुरू कर दी. खुफिया एजेंसी ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया और इसमें कई एक्टिविस्ट, वकील, पत्रकार, हेड फंड और जॉर्ज सोरेस की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ.
मोसाद ने सीधे लिया राहुल का नाम
सूत्रों के अनुसार, मोसाद ने अपनी जांच में राहुल गांधी का नाम लिया. राहुल ने मई, 2023 में कैलीफोर्निया के पालो ऑल्टो में हिंडनबर्ग के सहयोगियों से मुलाकात की थी. मोसाद ने अपनी रिपोर्ट में गांधी को ‘कड़वा वंशज’ बताया और कहा कि राहुल गांधी हिंडनबर्ग के फाउंडर एंडरसन की टीम के साथ मिलकर अडानी और मोदी को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे. सैम पित्रोदा के अमेरिका स्थित घरों की जांच से भी इसका खुलासा हुआ है.
इस रिपोर्ट के कारण अडानी के बाजार मूल्य में भारी गिरावट आई और भारत में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई.
- Legend News
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